Caste Census 2025 : लंबे समय से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और विपक्ष जातिगत जनगणना (Caste Census) की मांग को लेकर बीजेपी (BJP on Caste Census) पर हमलावर थे, लेकिन अब एनडीए सरकार (NDA Government) के इस कदम से सियासी समीकरण तेजी से बदल सकते हैं. खासकर बिहार चुनाव (bihar Election) में हालात बदल सकते हैं. आखिर किसे और क्यों होगा इससे फायदा ?
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Caste Census: जाति जनगणना कराने में मोदी सरकार के सामने आएगी ये 5 चुनौतियां? :: https://hindi.oneindia.com/news/india/caste-census-what-are-the-5-big-challenges-of-conducting-caste-census-in-india-explained-in-hindi-1283957.html?ref=DMDesc
~PR.338~ED.104~GR.125~HT.96~
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00:00जातिगत जनगरना क्या ये एक ऐसा पेंडोरा बॉक्स खुल गया है या खुलेगा जो भारतिय राजनीती की चाल बदल देगा ये सवाल इसलिए क्योंकि अंग्रेजों के राज के समय देश में जातिगत जनगरना हुई लेकिन आजाद भारत की पहली क्याबिनेट में पं�
00:30सिर्फ अनुसूचे जातियों, जनजातियों की गिंती हुई और OBC और दूसरी पिछडी जातियों का डेटा नहीं दिया गया और ये डेटा भी इसलिए जोड़ा गया ताकि इसके आधार पर लोकसभा और राजसभा की जो सीटे हैं उन्हें इस आधार पर रिजर्व किया
01:00क्योंकि समाज कब बटा नहीं है, जाति कब नहीं पूछी गई, चुनावी रणनीतियों और वोट बैंक के आंदोलन कब नहीं हुए, मंडल राजनीती का दौर देश ने देखा और आज भी सच यही है कि जाति कभी नहीं जाती
01:14लेकिन मोधी सरकार जाती का जनगर्ना कराएगी इस एक फैसले ने राजनीती की धूरी बिहार करनाटक जैसे राज्यों के आगामी चुनावों के आईने में बदल दी है, बीजेपी समर्थक पार्टी के नेता, मंत्री, इसे सामाजिक न्याय और मोधी जी का मास्टर स्ट
01:44आखिरकार सरकार मजबूर हुई इस पर फैसला लेने के लिए अब बस तारीख और टाइम लाइन बता दें कि कब कैसे पूरा होगा
01:52हमने कहा था कि कास सेंसस को हम करवा के छोड़ेंगे और हमने ये भी कहा था कि 50% की जो कैप है जो आर्टिफिशल दिवार लगा रखी है उसको भी हम तोड़के हटाएंगे
02:12तो कुछ ना कुछ बोल रहे हैं लेकिन मानी प्रधानमंत्री सीन नरिन्द मोदी जी के उपर देश को भरोसा है कांग्रेश समाजवादी पार्टी राष्टी जनता दल जैसे दल और इनके नेता एक पिशेवर के लिए धोखा है धोखा है धोखा है
02:26तो अब लड़ाई राजनितिक श्रे की भी है इस बीच कि कौन जातिकर जनगर्ना कराने या करवाने का सूत्रधार है लेकिन सवाल ये भी है कि क्या पहलगाम हमले से पहले ध्यान हटाने की कोशिश है हमले का नेगेटिव इंपक्ट सरकार की छवी और सुरक्षा में चू
02:56हाला कि ये केवल घोशना है 21 में सेंसेज होना था कब होगा ये किसी को नहीं पता है जो लोग हम लोगों पर आरोप लगाते थे जातिवादी लोग है जातपात फ्हलाता है आज उन सभी के मूँ पर जो है तगड़ा तमाचा जो है लगा
03:17तो इस तरह के बयानों की ख्यायर कमी नहीं है लेकिन फैसले की टाइमिंग कॉंग्रिस के उस मुद्दे पर आक्शन ले लेना जिसके लिए सरकार खुद तयार नहीं हुई इसके राजनितिक मायने और देश के सामाजिक आर्थिक राजनितिक ताने बाने पर क्या असर प�
03:47से सेंटर फॉर प्लिटिकल स्टडी से प्रोफेसर नरेंदर कुमार इस बातषी ग� H
03:51इसके अलावा हमारे साथ प्रोफेसर सुमीत रामदास, मास्कर सापजी भी जुड़ गए इस बातषीत में संदीप चाछरा जी हमारे साथ जुड़े होए हैं
03:59Action Aid Association, Executive Director हैं आप वहाँ पर, मैं आप सभी का स्वागत करती हूँ और शुरुवात में सबसे पहले प्रोफेसर बदिर नारान जी आपके साथ यहाँ पर करना जाओंगी, देर से लिया गया सही फैसला है, राजनितिक फैसला है, लेकिन भारत की राजनिती में क्या टर्निंग �
04:29उसमें अभी तक जो ऑपोजिशन की पॉलिटिक्स एक, जो सुसर जैसी से कई मॉडल इसमें कॉंटेस्ट कर रहे हैं, और कमिंग भिहार एलेक्शन और तमिंग नाडव एलेक्शन में वो मॉडल टकरा रहे हैं, तो उसमें एक मॉडल है, जो मॉसली कास्क वीस रिप्रेज
04:59का जो परिकल्पना है, जिसमें की एक कास्पेस रिप्रेजिटेशन पॉलिटिक्स में शामिल हो गई है, साथ में उसके साथ और भी बहुत सारे जो एकनॉमिक गवर्नेंस का मामला, जो जो गवर्नेंस के थ्रू इंपावर्मेंट का मामला, पॉलिसी के थ्रू इंपावर्
05:29कर लिए तो कैसे करेंगे क्या करेंगे नए एजंडी क्या होंगे एक तो उनका है दूसरा पर जपी में यह जो उसका एक लॉस्का लग रहा था लोगों को उसको उसमें रिक्वाइब कर लिया कुछ से
05:51और इसके कारण जो उसके साथ जुड़ा हुआ था जिसमें बीच में आपने देखा होगा उसके चुनाव में थोड़ा इसकलेशन होगा थोड़ा कई लोग अलग हुए कई सीट पर लॉस में हुआ वह से जूट जाएगा और क्योंकि उसमें एक जो डाउट और यूमर बन र
06:21कि आने जा रहा है कि बीजेपी ने उन सारे आपको को रिंवर्स को की पॉलिटिक्स को कदर करी दूसरा क्या है कि इससे एक ऑथिंटिक डेटा मिलेगा जो वेल रिसर्च, वेल प्लाइन्ट, मेटोलोजिकली अप्रोप्रियेट, इलापरेट एकसाइस से कलेक्ट होगा तो
06:51कि समभाव है कम हो जाएंगी और खतम हो जाएंगी तो खतम तो नहीं होंगी कम होंगी कोई भी जो जो पॉलिटिक्स है वो कोरी तरह से किसी चीज़ को खतम नहीं करती है तो मुझे लगता है इस सारे फरक आने वाले में हैं ठीक है इसी को आगे सरो डीटेल में लेके जा�
07:21कुछ भी हो पोस्टर वॉर दिखाई देता है इसमें अब एक्स प्लाटफॉर्म से लेकर फेस्बुक पोस्ट सोशल मीडिया भी शामिल है और सड़कों पर लगने वाले पोस्टर भी है श्रेय की राजनीती शुरू हो गई है क्रेडिट किसे अंग्रेस खुलकर कह रही है
07:51मैं पहले बात बोलना चाहूंगा और बहुत बहुत बहुत पुन मुद्दा है आज आप इस चचा को कर रहे हैं मुझल आप पंडोरा बॉक्स की बात कर रहे थे मिनाक्शी जी पंडोरा बॉक्स तो तीन हजार सालों से जमीन पे है ऊपर कितना भी आप उसको रोक लें जम
08:21सोला प्रतिशत परिवारों के पास जमीन है जादत तर खेती और मजदूर है साथी जादत तर शेहरी मजदूर है साथी जो सबसे पहला फाइदा वो आवाज बढ़ने का होगा तथ्य के अधार पे जो अभी बद्री साब बात कर रहे थे कि डेटा बेस्ट और आकों के अ�
08:51स्तरित आघात है पुरा बड़ा आघात रहा है कई कई इसमें आंदोलन हो चुके हैं चलते आ रहे हैं अम्बेदकर जी का जो सपना था कि जाती का विनाश हो जाती प्रथा का विनाश हो आज तक तो हुआ नहीं 75 साल हो गए हैं तो बहुत बड़ा फरक पढ़ने वाला है स
09:21बड़ेंगे और यह होना चाहिए मैं इसको खुले दिल से हार्दिक इसका अभी नंदन करता हो यह निरने का दूसरी बात राजनीतिक फाइदा किसको होगा जैसा बड़ी सापने बताया आज के दिन में बिहार में राजनीतिक फाइदा मुझे लगता है क्योंकि जेडिव
09:51हो ना हो मुझे लगता है यह देश के फाइदे की बात है मिनाक्षी जी इतना तो मैं बोलना चाहूंगा अप्रत है चरण में नरेंदु जी अभी तक दो पैनलिस्स ने लगबग एक दिशा में यह बात तो किये कि यह जरूरत तो थी वक्त की ताकि पता चल पाए जमीनी ह
10:21पॉलिटिकली किस तरह से जनता लेगी उस पर बात करना चाहती हूं फैसला तो लिया गया है लेकिन इस फैसला इंप्लिमेंट कब तक होगा इस पर पिक्चर कब तक क्लियर होगी उसके लिए तो प्रतिक्षा करनी पड़ेगी कम से कम एक डेड़ साल से पहले तो यह पिक्
10:51मुझे लगता है कि वोटर की साइकी प्रभावित होने का जहां तक मसला है वो यह है कि एक तो बात साफ हो गई है कि जो यह जो प्रेजेंट गवर्मेंट है यह जिस तरह से ओपोजिशन के मुद्दे को अपनी तरफ फिंच लेती है यह बहुत बार साबित हुआ है और मु
11:21में जो बहुत जादे बदलाव होने की संभावना इसमें नहीं है और एक सेंस में अगर मैं राजनीतिक सेंस में अगर बात करूं इलेक्टरल सेंस में बात करूं तो जो हो सकता है कि ओपोजिशन को जो फायदा हो सकता था यह कास सेंस ने कराने की वज़े से जिसको वो मु
11:51फारकार ले लेती है तो आप देखेंगे कि अगर मंदल कमिश्चन जिस तरह से लागू हुआ था
11:56मंदल कमिश्चन में एक बहुत बड़ा पोलराइज़ेशन हो गया था कि और वो पोलराइजेशनन
12:02Republican से लेवल से बवल्हें के लवल से इता धा बलके वो
12:06पोलराईसन जो है वो जमीनी स्तर पही था लेकिन आज कि मामले में अगर आप देखें तो जमीनी स्तर पह वो पोलराईसन मुझे होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है
12:18आप बड़ी बात कहा रहे हैं सर कि आपको जमीनी स्तर पर इसका पॉलराइजेशन होता हुआ नहीं दिखाई देरा और प्रफेसर सुमीत इसी का एक्स्टेंशन में आपसे आंसर की रूप में चाहूंगी भारतिय समाज सर अभी कितना तयार है इस तरह कि जंगर्ना से जु�
12:48लेकिन छोटी-छोटी बातों पर कैसे आंदोनन होते हैं जाती स्पेसिफिक घटनाएं कैसे देश के अलग-अलग हिस्तों में घटती हैं और इसे लेकर एक इंपक्ट सोशल मीडिया पर भी कम से कम दिखाई देता है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता जहां पर अपनी
13:18जातीगत जंगरना के डेटा सारवजनिक होने के लिए शुक्रिया इस बात के लिए और इस सवाल के लिए देखिए जनता हमारी तयार है एक तरीके से उसका जो विरोध है वो हमेशा से होता रहा है जब शुरुवात जब हुई थी इस सेंसस की ब्रिटिश टाइम्स पर त
13:48बड़े बड़े विक्सित देश है अमेरिका हो कैनेडा है और और सारी न्यूजिलैंड है या और यह सारे देश जो है वो विक्सित है और वो भी आज भी इस अपनी रेज को ले करके अभी भी रेकॉर्ड करते तो कोई बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो नहीं रहे दूसरी �
14:18कोई नो कोई association है बड़े-बड़े hall है उनके जहां प्रोग्राम होते हैं तो यह कोई ऐसी छुपी हुई बात नहीं है
14:25census को लेके बस एक जो भी प्रोफेसर नरेंदर जी ने कहा था कि उनको tension कम लग रहा है जो मुझे भी लग रहा है सही बात है
14:34उसकी शायद वज़ा यह भी है कि दो चीज़ है reservation की यह है शिक्ता में reservation और दूसरी नोक्रियों में
14:41आज की data में अगर आप देखेंगे तो नोक्रिया वह है स्थकारी वह hardly आपकी एक या देड़ परसेंट बची है
14:47तोटल सौनोक्रियों में से तो उसमें आपका reservation का बहुत ही negligible कुछ पाइदा होगा अगर यह पुरी जनगना हो भी जाती है
14:57दूसरी तरह अगर हम higher education की बात करें तो privatization की तरफ हमारा रुजाओ अलरेडी हो चुका है 10 साल में पिछले
15:05तो इस वज़ा से जो tensions हमको 1980s या 1990s में भी दिखाई दिये वो शायद उस तरीके से tensions नहीं दिखाई देंगे
15:16हाँ यह बात जरूर है कि BJP इसका पूरा फाइदा उठा सकता है उनके पास एक बहुत अच्छी machinery है अपनी बात लोगों तक पहुचाने के लिए
15:26उस मामले में Congress काफी weak है कि वो बताने के लिए कि यह हमारा भी agenda था क्योंकि एक समय ऐसा था जब सारी
15:36पार्टिया मिलकर भी नहीं इस पर consensus बना पाई थी कि consensus होना चाहिए तो इसको लेकर अब जो
15:43श्रेय लेना की बात है वो थोड़ा बहुत मुश्किल होगा Congress के लिए भी और बीजेपी के लिए लेकिन ओर और इसका
15:50impact जो है जो उसका economic impact बोलते हैं हम जिसको किसी जाती को कि यह पीछे रहेगी उनको कुछ फायदा होगा उसका बहुत ही असर कम होगा मेरे हिसाब
16:01संदीप चाचरा जी जातीगत जनगना का data जब सारवजनिक होगा अभी हम देखते हैं आरक्षन को लेकर एक जबरदस्त बहस अलग-अलग मौकों पर देश में चलती ही रहती है यह तो एक ऐसा विश्य है जो कभी किसी थंडे वस्ते में गया ही नहीं
16:17आज के दौर में फिरक से क्या देश का युवा या मैं कहूं साल दोजार पचीस में साल दोजार चप्वीस में देश की प्रात्मिक्ताएं जाती आधारित data तक सिमट जाएंगी और उससे निर्धारित होने वाली politics तक सिमट जाएंगी
16:30देखे दो बाते हैं इसमें मिनाक्षी जी पहली बात तो जो आगे के संगर्श है लेटे का फरक पड़ेगा देखे एक समाज है हमारा समाज एक नहीं है कई वर्ग है आप जानते है बहुस तरिये है और उसलिए ये बात हो रही है तो एक वर्ग ऐसा एक तपका ऐसा है जो
17:00उस संगर्शों को गती मिलेगी अब गती जो आप मिलने की बात कर रहे हैं वो क्या गती मिलेगी रिजरवेशन की बात अभी प्रोफेसर कर रहे थे तो मैं उस पर ना जाओं वो जानते हैं सरकारी नौकरिया है ही नहीं प्राइवेट सेक्टर में रिजरवेशन की बात को �
17:30के बराबर है, बहुत ही कम है, तो पूंजी में जो हिस्ते की संगर्ष है, चाहे वो corporate firms हो, चाहे वो बाकी जो enterprises हो, collective enterprises हो, उस संगर्ष को जरूर गती मिलने वाली है, मैं जमीन में काम करता हूँ, और जमीन की ही बात यहां रखना चाहूँगा, एक theoretical framework में, दूसरी जो गती मि
18:00और जमीन आजादी का एक सपना मी था, अधिक तर 55% से उपर हमारे लोग अभी भी खेती की जिंदिगी में हैं, या तो मजदूरी की जिंदिगी में हैं, चोटे मजदूरी की जिंदिगी में हैं, या चोटी खेती है, तो उस उस को बहुत गती मिलेगी, उस दिशा को बह�
18:30पर का जो वर्ग है जो जादा करके अगर आप चाहेंगे तो सोचेंगे तो वही वर्ग इसके खिलाफ है वो जानता है इस्तिती को लेकिन पहचानना नहीं चाहता ये आंकड़ा जो सामने आता है मेरे हिसाब से ये उसका परदा फाश करेगा और इस एक रूप से अगर हम आ�
19:00संद्रक्षणा को बदलने के लिए बहुत महत्पून साबित होगा धन्यवाद आप सर कितना इसका डेडलाइन कब तक का मान रहे हैं कि कब तक यह हो पाएगा इंप्लिमेंट होगा या पूरा हो पाएगा अभी अभी तो तो जब तक सेंसस नहीं आएगा एक तो सेंसस आन
19:30कि इन दो एक दो सालों में जैसे अभी बाची चल रही है राजनीतिक गल किसको कितना फाइदा होगा कैसे उसका फाइदा उठाएंगे वह राजनीतिक खेल आपके सामनों अभी शुरू हो जाएगा ठीके अब जिस तरह से एक्सपर्स भी इस बात को कह रहे हैं कि पहले त
20:00पर तो बहुत कुछ है सर पुलिटिकली भी बीजेपी की सर क्या मजबूरी थी इस समय इस फैसले को लेने की पॉइंट वन और अब तक जो परहेज किया गया था इस जातीकर जनगणना को कराये जाने के लिए क्या कारण थे परहेज के
20:15करने की शमता ज्यादा होगी पचा लेने की वही सक्सीट करें और वही ट्रीशन भी होता है वही अमेरिका के बारे मों कह रहे हैंसे तो मुझे लगता है बीजेपी के पास एपिटाइट बहुत स्ट्रॉंग है तो वह किसी भी मुद्दे को पचा करके उसको अपना
20:44मुद्दा बनाके और बहुत अच्छी पॉलिटिक्स उसके रहा हो खड़ी कर से तो देखें यह मजबूरी का मामला नहीं है मामला पॉलिटिक्स इस नॉट पाउल पॉलिटिक्स में वही सर्वाहिव करता है लंबे समय तो नहीं नहीं पॉस्पिर्टिटिश कुरता रहता
21:14कि बहुत क्लियर्डी इस पेस्टाइब नहीं गे पा रही थी अलाकि सोचल जेस्टिस इसको वहां पर चल रहा था बहुत इनों से चल रही थी और वहां पर खास भाशा में खास दिक्शन में आ लेकिन अब उन्होंने इस दिक्शन को भी अपनी सब्दावरी में शामिल कर
21:44आव सवाल है ताइमंग क्या है इस Ça
22:05पर पर तीनो आर्मी चीफ्स हैं एने से बैठे हैं तो वहां पर क्या डिसीजिन उन्हें रहा है उसमें देखने जाती कर जनगंडना पर फैसला आपने जब यह फ़र पहली बार देखिया आप चौके आपको सर्प्राइजिंग लगा है
22:27बिल्कुल बहर आदमी चोका लेकिन उच्प्ते हम इसलिए हैं कि हमारी एक हैपिश्यूल है हम चाहते हैं कि सरकार ऐसे ही करें जैसे हम सोचते हैं से मेडिया सोचती है इंटेलक्षोल सोचती है और इसी मामले में तो बीदेश्य गलत तरही पार्टी है जो आपको हमेसा शौ
22:57करने वाल डूर द्या डूर तो उन्होंने किया तो उसका उसके पीछे बड़ी तयारी हो गए मुझे रखता है यह आज की नहीं है वह अमित्षारा ने इस दिन विहार में कहा था जाती जंगर्णाम कराएंगे बहुत क्लियर उन्होंने भाशन में कहा था मुझे रखता है उ
23:27पास कि किसी चीच को अपना बना पाएं और बचा पाएं अपनी इनके हीरो इनके नायक इनके सारे सोर्स उसरे लिए जाते हैं तो यह मुझे लगता है इसलिए नरेंदर जीप वैसे आपका क्या उपिनियन है सर मतलब एक चर्चा यह भी चल रही है कि पहलगाम हमले को ले
23:57पर एक बात कह दी गई है अब सब कुछ उस बात के इर्दिगिर्द हो रहा है अपनी जगे ठीक है कि जो पहलगाओं है उसने सरकार को एक तरह से बैक फूट पे लाकर खटा कर दी जा था क्योंकि जिसे जो मतलब क्लेम्स हो रहे थे कि सब कुछ ठीक चल रहा है और लोग म
24:27वाले जो लोग है उनके लिए शोकिंग रहा होगा लेकिन एक चीज जरूर है कि जो राजनीती है जिस मतलब राजनीती में लोग रिस्पॉंड करते हैं चीजों जैसा ही कुछ होता है तो उसमें राजनीती में रिस्पॉंड करते हैं वो कोई भी पार्टी हो लेकिन जिस �
24:57सरकार में हैं और जिस तरह का इनके पास database है जिस तरह का इनके पास पूरा संगठन है structure है पूरे का पूरा उस हिसाब से मुझे लगता है कि यह इस बात को बहुत अच्छे से जानते हैं जैसे आप देखेंगे कि women reservation वाली बात एक समय पे कह दी जो कि इस election से थोड़ा से पहले
25:27है कि यह जो कास census है वो आज यह कल परसों में यह होने वाली नहीं है इसको होने में और इसका data आने में उसमें कम से कम मतलब एक डेट साल तो minimum लगने वाला है लेकिन दूसरी बात उसमें यह भी है कि कास तो होगा लेकिन उसमें आप data किस तरीगे कर लेके आएंगे वो भी
25:57कास census का जो actually जो generally लोग जो हम लोग सोच नहीं कि इससे कुछ बड़ा परिवर्तन हो जाएगा जजी ने कहा तो मुझे यह भी हो सकता है कि सरकार कुछ ऐसे indicators को ignore कर दे कि यह वाले indicators हम लोग नहीं लेंगे और बाकी जो कास census है वो हो जाएगा
26:18लेकिन उसके साथ में यह भी होगा उसका इन फैक्ट यह भी किया जा सकता है कि मीनिग ना रहे उस चीज़ का
26:37ठीक है ठीक है संदीब जी आप पॉलिसी मेकिंग गवर्निंग बॉड़ी इन सब के साथ में जुड़े भी रहे हैं मैं सर आपसे समझना चाहते हूं जिस बात का जिरकावी नरेंदर जी ने भी किया एक तरफ हम भी देख रहे हैं कि जो 2011 की जनगर्णना हुई उस पर खु
27:07इस तरह की पॉलिटिक्स हो रही है ट्रस्ट डेफिसेट तो अलगी लेवल पर है अब राजनितिक दलों के बीच में ऐसे महल में जब सर्वे होगा यह जनगर्णना होगी गिंती होगी वो प्रॉसेस कितना मजबूत होगा वो कितना रिफाइंड होगा वो डेटा कैसे क्ल
27:37सब्सक्रारी रखनी है कौन सी नहीं रखनी है यह भी काफी हद तक तै करेगा कि आगे जाती का जनगर्णा से जुड़े हुए आंकड़े देश की पॉलिटिक्स को किस दशा और दिशा में लेकर जाएंगे
27:47बिल्कुँ सही बोल रही है आप मिनक्षी जी देखे एक बात तो जो हमें सतरक रहना है सबी को एक समाज के रूप से बोल रहा हुए जो हमें सतरका बरत्नी है और जो हमें देखना है कि ये इसका मेतडलोजी क्या होगा पहली बात इसमें किस तरह के सवाल पूछे जाएं�
28:172011 में भी हुई है बीसी सबुदाय में उसका क्लासिफिकेशन कैसे होगा कितने सारे सब कैटेगरीज चुनी जाएंगे किस तरह के सवाल का लिंकेज किया जाएगा इसका करने का तरीका कैसे होगा उधारन देता हूँ आपको काफी समय हम लोगों ने कोशिश करी थी कि जो नि
28:47कई सारे ऐसे बेगर लाखों लोग ऐसे हैं जो बेगर हैं लेकिन उनका आखड़ा क्योंकि किस समय आप जाके पूछ रहे हैं सवाल क्या उस समय वो लोग बाहर हैं घर में हैं घर के जा सोए हैं तो कई सारी समस्यां आती हैं डेटा कलेट करने के तोर तरीके पे किस समय होत
29:17कि चाहूंगी किस तरह के चाहिए कि मिंदाखता है प्राइन चाहिए
29:47इस पूरे जाती कर जन्गर्णा की मामले को आप आगे इस पर देख रहे हैं, point one.
29:54Point two, इससे जुड़े हुए फैसले का impact, sir, भारतिय समाज में किस तर पर जाएगा?
30:00अगर कुछ बिंदू, मोटे-मोटे चार या पांच पॉइंट भी हाइलाइट करने हो,
30:04तो मुझे लगता है कि यह जो सबसे बड़ा चैलेंज है कि इतना इलाबरेट एक्सराइज की methodology, questionnaire,
30:15क्योंकि अब एक कास पोस्में जोड़े हैं, तो उसे थोड़ी प्रोसेस तो इसकर से रही फ्रेम करने की ज़़ुएट है,
30:25उसमें intellectuals की जो मिका हो सकती है, researchers की जो मिका हो सकती है, social scientists की जो मिका हो सकती है,
30:33सब को जो जो रहता है through multiple workshops यह चाहिए देवोर्ण करा है, तो process एक तो challenge है उसको करना है,
30:41दूसरा क्या है कि जब यह data आजा है, तो उस data का process करना,
30:47process करके उसको publishable data में transform करना है, raw data है,
30:53तो वह भी एक बड़ा पाम है, तो वह हो जाने के बाद, तब confidence आ गया,
30:57कि इसको publish के रहे, कि उसमें नहीं कर पाई तो तो मुझे लगए पैयारी इसमें इसके दिशिये में जो करना पढ़ेगा,
31:09अब इसका जो असर पढ़ना है, कि वह तो इतनो पॉलिटिक्स पर असर पढ़ेगा,
31:19कि असर पढ़ेगा, हम लोग अलड़ी बात कर चुपे, कॉंगे इस अपोजिशन के स्ट्रेजी दवस्त हो गई है,
31:24विजब्मीन है, एक नई constituency, जो उसकी अपनी constituency ही थी, लेकिन वह पर एक नए Diction of Politics के साथ फिर से रिये रसल किया है,
31:32तीसरा जो है उसे एक जो सूशल हम लोग कहते हैं कि रिवर्स इंगिनियर, रिवर्स कि पहले आप खाबो को खोलिए तो तुड़ेगा जो काशिरान भी कास से कास को काटेंगे,
31:45शाहिद ये समय अमेटकर से आगे बढ़कर थे काशिरान का रास्ता बूँठा कि इसमें क्या होगा कि जाती न चाचि आखिर चेति आ उबरेंगे,
31:56और ये जाती-चाहित्मा समय सर्फाय काश्व सकता है कि कल एक समोहारी समाज बनाने मे ऑरी मददकरे वह सकता है
32:03नहीं भी हो सकता है। हो सकता है फुल अथावे पुले रह जाएं। कुछ जूड़े कुछ ना जूड़े हैं। वो चलता रह सकता है। लेकिन हम आशा करेंगे। शायद इस से ही। तीसरा यह है कि इसे
32:14नए शायदी के सतर साल बाद रॉमिनेंस के स्ट्रॉक्चर में भी चैंग आए है। लेकिन हम लोग आप भी पुरा में इस तो टेपिकल दंसे डॉमिनेंस को भी पाइब उसमें जो नए चैंजर आए हैं। और वर्लेट्मेंटी में नए चैंग जाए हैं। यानि पूर्ड,
32:44तो मुझे लगता है कि अगर हो पॉजिटिव देखें तो इससे एक बड़े समाज निर्बान की तयारी बनेगी। लेकिन उसका प्रोसेस कई बार होता है। कि आपको यात्रा में काटे लिए लगते हैं। आपको गंचीरा लग जाएगा, यह आपको फुन निकर ले लगे
33:14लेकिन इसका इंपक्ट आने में समय लगेगा। सबसे बड़ा इंपक्ट होगा है, यह जातियां बहुत छोटी हैं। अभी बहुत सारी जातियां इनके भी MLA's नहीं है, इनके अभी MP को बात ही छोड़ देजे, तो धान तक नहीं है, बहुत सारी जातियां। तो उनको एक
33:44लेकिन बस खत्रा यही है कि मैं बार बर कहता हूं कि इस तरह के प्यास नेक भी होते हैं रोप भी होते हैं। बहुत अपने तीन ओंड़ने नहीं का बहुत दनेवाद यह आप पर करना चाहूंगी, आपने अपना समय दियो और इतने वैल्यूविल थॉट्स अमारे साथ श
34:14कि एक्सपर्ट के साथ ऐसा डिसकॉर्शन हो जिसमें लोगों के मन में जो भी सवाल है या जिस तरह की क्लारिटी वो एक्सपेक्ट कर रहे हैं, अटलीस उसको हम उनके सामने रख सकें। थैंक यू सो मच, बहुत धन्यवाद आपका हमारे साथ इस बाचेत पर जुडने के