पूरा वीडियो: आम घर, साधारण जीवन - नहीं जीना है ऐसे || आचार्य प्रशांत (2024)
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00:00इसका नाम जानते हैं आप ये पीछे जो है Starry Nights
00:02ये जो आप देख रहा हूँ ये सूरत जैसे जो लग रहे हैं ये वास्तों में क्या हैं? तारे हैं
00:06ये विंसेंट के तारे हैं बुल रहे हैं तुम्हारे लिए रात बड़ी होगी मेरे लिए तारे बड़े हैं
00:11मेरे लिए तारे बड़े हैं तो मैं अपनी पेंटिंग में तारे छोटे नहीं दिखाऊंगा ये बगावत है उनकी
00:15विंसेंट कह रहे हैं कि मेरी आखों को जो खुबसूरत लगता है मेरे वही बहुत बड़ा है
00:19बाकी सब किसी काम का नहीं है
00:21समाज के लोग भी जीना प्रेम में ही चाहते हैं पर प्रेम महंगी चीज है तो उसमें जीते नहीं
00:26ऐसे में जब उन्हें कोई विंसेंट जैसा देख जाता है तो उनमें घोर इरशया उठती है
00:31जबरदस्त भीतर आग लगती है जलन
00:32हम भी यही चाह रहे थे जो यह जी रहा है पर हम चाहते चाहते मर गए यह जी गया यह खेल गया हम देखते ही रह गए