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00:00भीम ऐसे तो बस पेटवान थे और ग्यानवान इधिश्ठिर पर बहुत असे थे वनवास में थे सब ये लोग ज्याने कौन लोग मिले इधिश्ठिर को उन्होंने कुछ मांगा या कुछ और कहा तो इधिश्ठिर बोले कल भीम नगाड़ा लेके निकल पड़े धर-धर जो �
00:30मुझे देखो मैं कुछ कल पे छोड़ता हूं पूरा साक्ष कर देता हूं माजने की दरूर्द भी नहीं पड़ती हाथ बांध के नहीं चलते जितना देना है आज ही देदो ना