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ॐ श्रीबगलामुखीस्तवराजः

"Om Hleem Baglamukhi Sarv Dushthanam Vashikurur Kuru Swaha."

This mantra is chanted to gain protection, victory over enemies, and to counter negative energies. It is often recited with devotion on auspicious days like Tuesdays and Fridays for enhanced benefits.

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Transcript
00:00ओम अथश्री बगलामुखिस्तवराजह बंदेसकलसंदेह दावपावकमीश्वरं करुणावरुणावासं भक्तकल्पतरुंगुरुं
00:19उल्लसत्पीत विद्योती विद्योती ततनूत्रयं निगमागमसर्वस्वं इडेहंतन्महन्महा ओमकूर्वंस्थिरमायाम्च बगलामुखिसर्वतह दुष्टानामबाच मुच्चार्या मुखंपदम्तथो धरे
00:48स्तंभयेति ततो जिह्वाम कीलयेति समुध्धरेत बुद्धिम्बिनाशयेति पदम् स्थिरमायामनुस्मरेत प्रणवंबह निजायाचेति एवपैतां बरोमनुहूं
01:09पातुमामसर्वदासर्वं निग्रहानुग्रहक्षमह कंठम नारदर्शिफ्पातु पंक्तिछन्दोवतान्मुखं पीतांबरादेवतातु जन्मध्यमवतान्ममा।
01:29हलि भी जमस्तन योर में अव्यात स्वाहाशक्तिष्चदंतयोह। सकीलकंत थागुहिये विनियोगोवताद्वपुह।
01:43शद्दीर्घभाजा बीजेन व्यासो व्यानमे करादिकं। द्विपंज पंचनन देशु। दशभिर्मंत्रवर्ण कैहि।
01:57शडंग कल्पना पातु। शडंगा निहनुक्रमात। अइम्विध्या तत्वं क्लीम्माया। तत्वं सौष्च शिवात्मकं।
02:10तत्वत्रयं संबीजम्च मूलं हृत्कन्थ मध्यगह। सुधाब्धाउहेम भूरूढ चंपकोध्यानमध्यतह।
02:24गारूडोत्पल निर्भ्यूढ स्वर्ण सिम्हा सनोपरी। स्वर्ण पंकज संविष्टाम। त्रिनेत्राम्ष शिशेखराम।
02:37पीतालंकार वसनाम। मल्ली चंदन शोभिताम। सव्व्याभाम पंच शाखायाम। वज्र जिहवाम्च बिभ्रतीम।
02:50मुद्गरम नाग पाशंच। दक्षिनाभ्याम दालसाम। भक्तारि विग्रहोद्योग। प्रगल्भाम बगलामुखीम।
03:04ध्यायमानस्यमे पातु शास्त्र वोद्वेशने भ्रशं। भूकलादल दिक्पत्र शट्कोणं त्र्यस्त्र बैंदुकं।
03:17यंत्रं पैतांबरं पातु सामाम पायाद विग्रहा। आधार शक्ति मारभ्य। ज्ञानात्मान्तास्तु शक्तयह।
03:31पीठाद्याफ पान्तु पीठेत्रम प्रथमं माम्चरक्षत। शांति शंख विशेशात्म शक्ति भूतानि पान्तु माम।
03:45आवाह नाध्याफ पंचापी मुद्राश्य सुमनो जलै। त्रिकोण मध्यमारभ्य। पूजिताब गलामुखी।
03:58क्रोधिनी संभिनी चापी धारिन्यस्चापी मध्यगाह। ओजफ कूशादि पीठानी कोणा ग्रेशु स्थितानि वै।
04:13त्रिकोण बाह्यत सिध्ध नाथ द्यागुरवस्तथा। सिध्ध नाथ सिध्ध अनन्द नाथ सिध्ध परमेश्ठिह।
04:26नाथ सिध्ध श्रीकंठः चनाथ सिध्ध चतुष्टयं।
04:40पातु मामथ शटकोणे सुभगा भग रूपिनी। भगोदयाच भगिनी पातिनी भगमालीनी।
04:51भगवाहाच माम पातु शटकोणा ग्रेशु चक्रमात।
04:58द्वगात्मा शोणि तात्माच माम सात्मा मेद सात्म कह।
05:04रूपात्मा परमात्माच पातु माम स्थिर विग्रह।
05:10अष्ट पत्रेशु मूलेशु ब्राम्ही माहेश्वरी तथा।
05:17कौमारि वैष्ण वीवाराहि इंद्राणी चतथा पुनह।
05:24चामुंडाच महालक्ष्मीहि तत्रमध्ये पुनर्जया।
05:30विजयाच जयांबाच राजिताज्रम्हिनी तथा।
05:36स्तंभिनी मोहिनी वश्या।
05:40कर्शिन्यत तदग्रके।
05:43असितांगोरु रुष्चंदह।
05:46क्रौधोन मत्त कपालिनह।
05:49भीषणाश्चापि सम्हार।
05:53एते रक्षन तुमाम सदा।
05:56ततश्षोडश पत्रेश।
06:00मंगला स्तंभिनी तथा।
06:03ज्रुम्हिनी मोहिनी वश्या।
06:06ज्वाला सिम्ही बलाहका।
06:09भूधरा कल्मशाधात्री।
06:12कन्यका कालकर्षिनी।
06:15भांतिका मंदगमना।
06:18भोगस्था भावकेतिच।
06:21पातुमामथ भूसद्म।
06:25दशदिक्षुदिगीश्वराह।
06:28इंद्रोवनलोयम।
06:30रक्षो वरुणोमारुतस्षशिह।
06:34इशोवनंतस्वयं भूष्च।
06:38दशईते पान्तुमेवपुह।
06:41वज्रशक्तिर्दंडखटगव।
06:44पाशांकुषगदाख्क्रमात।
06:47शूलम्चक्रम्सरोजम्च।
06:51ततच्छस्त्राणि पान्तुमाम।
06:54अथचपूर्वादिचतुह।
06:57दिशासूपरतक्रमात।
07:00पातु विग्नेश बटुकव।
07:03योगिनीक्षेत्र पालकह।
07:06गुरुत्रयम्त्रिरेखास।
07:09पातुमेवपुरंजसा।
07:12पुनवपीतांबरापातु।
07:15उपचारैफ्प्रपूजिता।
07:18सांगावरणशक्तिष्च।
07:22जयश्रीफ पातु सर्वदा।
07:25वलयं बटुका दिभ्यो।
07:28रक्षाम कुर्वन तुमे सदा।
07:32शक्तयस साधका वीराह।
07:35पातुमे देवता इमाह।
07:38इत्यर्चाक्रमतफ प्रोक्तं।
07:42स्तोत्रं पैतां बरंपरं।
07:45यवपठेत्सकृदप्यतत।
07:48सुर्चा भलम वापनुयात।
07:51सर्वथाकार एक्षिप्रम।
07:55प्रपध्यन्ते गदातुरान।
07:58राजानों राजपत्यस्ट।
08:01पौरजान पदास्तथा।
08:05वशगास्तस्य जायंते।
08:08सततम्सेवकाईव।
08:11गुरुकल्पाश्च विबुधा।
08:15मूकताम्यांतिते ग्रतह।
08:18स्थिराभवतितद्गेहे।
08:21चपलापिहरेप्रिया।
08:23पीतां बरांगवसनोयदिलक्ष्यसंख्यम।
08:29पैतां बरम्मनुममुम् प्रजपेन्न रोयह।
08:34हेमी सक्रन्यमवान्विधिनाहरिद्रा।
08:39मालाम्ददध्भवतितद्वशगात्रिलोकि।
08:44भवानि बगला मुखेत्रिदशकल्प वल्लिप्रभु।
08:50कृपाजल निधेतव चरणधूत बाधाखिलह।
08:56सुरा सुरनरादि सकलकल भक्त भाग्य प्रदे।
09:03त्वधंग्रि सरसीरुहद्वयमहंतु ध्याये सदा।
09:09त्वमस्य जगताम्जनिस्थिति विनाष भीजम्निज।
09:15प्रकाश बहुलद्य। तिर्भवति भक्तरुन्मध्यगा।
09:21त्रैमनुसु पूजिता हरिहरा दिव्रुन्दारकै।
09:27अनुक्षणम अनुक्षणम् अई शिवेक्षणम् विक्षतां।
09:33शिवेतवतनुमहं हरिहराध्य गम्यांपरां।
09:39निखिलताप प्रत्यु हरुद्या भाव युक्तां स्मरे।
09:55प्रणोदय विरोधय प्रविलय प्रबध्धारिना।
10:05पार्वतिक्रुपालसन्मै कटाक्षपातम्मना।
10:11गनाकुलतयाक्षणम् क्षिपविपक्षसंशोभिनी।
10:17यदिक्षणपथम् गतस्सकृदपिप्रभु कष्चन।
10:23स्कुटम्वमवशंबदो भवतुते नपीतांबरे।
10:29ओम् नमो भगवते महारुद्राय हुम् भट्स्वाहा।
10:48वन्दे सकलसंदेह दावपावकमीश्वरं।
10:54करुणा वरुणा वासं। भक्त कल्पतरुं गुरुं।
11:00उल्लसत्पीत विद्योती विद्योती ततनूत्रयं।
11:08निगमागम सर्वस्वम् इडेहं तन्महन्महा।
11:15ओम् पूर्वम् स्थिरमायाम्च बगला मुखी सर्वतह।
11:22दुष्टानाम्बाच मुच्चार्यं। मुखं पदम् ततो धरेत।
11:29स्तंभयेति ततो जिह्वाम् कीलयेति समुध्धरेत।
11:35बुधिम् बिनाशयेति पदम् स्थिरमायामनुस्मरेत।
11:42प्रणवंबह निजायाचेति एवपैताम्बरोमनुह।
11:49पातुमामसर्वदासर्वं निग्रहानुग्रहक्षमह।
11:56कंथम् नारदर्शिफ्पात। पंग्तिछंदोवतान्मुखं।
12:03पीताम्बरादेवतात। जन्मध्यमवतान्मम।
12:10हलिभी जम्स्तनयोरमे अभ्यात। स्वाहाशक्तिष्चदंतयो।
12:17सकीलकंत थागुह्ये विनियोगोवताद्वपुह।
12:24शद्दीर्घभाजाबीजेन व्यासो व्यान्मेकरादिकं।
12:31द्विपंजपंचननदेश। दशभिर्मंत्रवर्णकैहि।
12:38शडंग कल्पनापात। शडंगा निहनुक्रमात।
12:44अइम्विध्या तत्वं क्लीम्मायां।
12:47तत्वं सौष्च शिवात्मकं।
12:51तत्वत्रयम् संबीजम्च मूलम्हृत्कंठमध्यगह।
12:58सुधाभ्धौहेमभूरूध।
13:01चंपकोध्यानमध्यतह।
13:05गारूडोत्पलनिर्भ्यूध।
13:08स्वर्णसिम्हासनोपरी।
13:11स्वर्णपंकजसंविष्टाम।
13:14त्रिनेत्राम्षशिशेखराम।
13:18पीतालंकारवसनाम।
13:21मल्लिचंदनशोभिताम।
13:24सव्याभाम्पंच शाखायाम।
13:28वज्रजिहवाम्च विभ्रतीम।
13:31मुद्गरम्नागपाशंच।
13:34दक्षिनाभ्याम्मदालसाम।
13:38भक्तारि विग्रहोद्योग।
13:41प्रगल्भाम्बगलामुखीम।
13:45ध्यायमानस्यमे पातू।
13:48शास्त्रवोद्वेशने भ्रशं।
13:51भूकलादलदिक्पत्र।
13:54शट्कोणं त्र्यस्त्रबैंदुकं।
13:58यंत्रम्पैतांबरं पातू।
14:02सामांपायाद विक्रह।
14:05आधार शक्तिमारभ्य।
14:09ज्ञानात्मांतास्तु शक्तयह।
14:13पीठाद्याफ पान्तु पीठेत्रम।
14:16प्रथमम्माम्चरक्षत।
14:19शांति शंख विशेशात्म।
14:23शक्ति भूतानि पान्तु माम।
14:26आवाह नाध्याफ पंचापी।
14:30मुद्राश्य सुमनो जलै।
14:33त्रिकोण मध्यमारभ्य।
14:36पूजिताब गलामुखी।
14:39क्रोधिनी स्तंभिनी चापी।
14:43धारिन्यस्चापी मध्यगाह।
14:46ओजफ फूशादि पीठानी।
14:50कोणा ग्रेशु स्थितानि वै।
14:53त्रिकोण बाह्यत सिध्ध।
14:56नाथ अध्यागुरवस्तथा।
14:59सिध्ध नाथ सिध्धानंद।
15:03नाथ सिध्ध परमेश्ठिह।
15:06नाथ सिध्ध श्रीकंठः।
15:10नाथ सिध्ध चतुष्टयं।
15:20पातु मामथ शटकोणे सुभगा भग रूपिनी।
15:26भगोदयाच भगिनी पातिनी भगमालीनी।
15:32भगबाहाच माम पातु शटकोणा ग्रेशु चक्रमात।
15:38त्वगात्मा शोनितात्माच मामसात्मामेदसात्मकह।
15:44रूपात्मा परमात्माच पातु मामस्थिरविग्रह।
15:50अष्टपत्रेशु मूलेशु ब्राम्ही माहेश्वरी तथा।
15:58कौमारि वैश्ण वीवाराहि इंद्राणीच तथा पुनह।
16:04चामुंदाच महालक्ष्मीहि तत्रमध्ये पुनर्जया।
16:11विजयाच जयामबाच राजिताज्रम्हिनी तथा।
16:17स्तंभिनी मोहिनी वश्या।
16:21करशिन्यथ तदग्रके।
16:24असितांगोरु रुष्चंदह।
16:27क्रउधोनमत्त कपालिनह।
16:30भीषणाश्चापि सम्हार।
16:34एते रक्षन्तु मामसदा।
16:37ततश्षोडश पत्रेशु मंगला स्तंभिनी तथा।
16:43ज्रुम्हिनी मोहिनी वश्या।
16:47ज्वाला सिम्ही बलाहका।
16:50भूधरा कल्मशाधात्री।
16:53कन्यका कालकर्शिनी।
16:56भांतिका मंदगमना।
16:59भोगस्था भावकेतिच।
17:02पातुमामथ भूसद्म।
17:06दशदिक्षुदिगीश्वराह।
17:09इंद्रोवनलोयमोरक्षो।
17:12वरुणोमारुतस्षशिह।
17:15इशोवनंतस्वयं भूष्च।
17:18दशईते पान्तुमेवपुह।
17:22वज्रशक्तिर्दंडखटगव।
17:25पाशांकुषगदाख्क्रमात।
17:28शूलम्चक्रम्सरोजम्च।
17:32ततच्छस्त्राणि पान्तुमाम।
17:35अथचपूर्वादिचतुह।
17:38दिशासूपरतख्क्रमात।
17:41पातु विग्नेश बटुकव।
17:44योगिनीक्षेत्रपालकह।
17:47गुरुत्रयम्त्रिरेखास।
17:50पातुमेवपुरंजसा।
17:53पुनफपीतांबरापातु।
17:56उपचारैफ्प्रपूजिता।
17:59सांगावरणशक्तिष्च।
18:02जयश्रीफपातु सर्वदा।
18:06वलयम्बटुका दिभ्यो।
18:09रक्षाम कुर्वन्तुमे सदा।
18:12शक्तयस्साधकावीराह।
18:16पातुमेदेवताईमाह।
18:19इत्यर्चाक्रमतफ्प्रोक्तं।
18:22स्तोत्रंपैतांबरंपरं।
18:26यवपठेच्सकृदप्यतत।
18:29सुर्चाफलमवापनुयात।
18:32सर्वथाकारयेक्षिप्रम।
18:35प्रपध्यन्ते गदातुरान।
18:39राजानो राजपत्यस्च।
18:42पौरजान पदास्तथा।
18:45वशगास्तस्यजायन्ते।
18:48सततम्सेवकाईव।
18:51गुरुकल्पाष्च विबुधा।
18:54मूकताम्यांतिते ग्रतह।
18:58स्थिराभवतितद्गेहे।
19:01चपलापिहडेप्रिया।
19:04पीताम्बरांगवसनोयदिलक्ष्यसंख्यम।
19:09पैताम्बरम्मनुममुं।
19:12प्रजपेन्नरोयह।
19:14हेमी सक्रन्यमवान्विधिनाहरिद्रा।
19:19मालाम्ददध्भवतितद्वशकात्रिलोकी।
19:24भवानिबगला मुखेत्रिदशकल्प वल्लिप्रभ।
19:30कृपाजल निधेतव चरण धूत बाधाक्विलह।
19:37सुराशुरन रादि सकलकल भक्त भाग्यप्रदे।
19:43त्वधंग्रि सरसीरुहद्वयमहं तुध्याये सदा।
19:49त्वमस्य जगताम्जनिस्थिति विनाष बीजम्निज।
19:55प्रकाश बहुलद्य। तिर्भवति भक्तरुन्द्मध्यगां।
20:02त्रैमनुसु पूजिता हरिहरादि व्रुन्दारकै।
20:08अनुक्षणम अनुक्षणम अई शिवेक्षणम विक्षतां।
20:14शिवेतवतनुमहं हरिहराद्यगं यांपरां।
20:20निखिलताप प्रत्यु हरुद्या भाव युक्तां स्मरे।
20:35विदारय विचूर्णय ग्लपय शोषय स्तंभय।
20:41प्रणोधय विरोधय प्रविलय प्रबध्धारिना।
20:46पार्वतिक्रुपाल सन्मै कटाक्षपातम्मना।
20:52गनाकुलतयाक्षणंक्षिपविपक्षसंशोभिनी।
20:58यदीक्षणपथं गतस्सकृदपिप्रभु कष्चन।
21:04स्कुटम्ममवशंबदो भवतुते नपीतांबरे।
21:10ओम्नमो भगवते महारुद्राय हुम्फट्स्वाहा।
21:29वन्दे सकलसंदेह दावपावकमीश्वरं।
21:35करुणा वरुणा वासं। भक्त कल्पतरुं गुरुं।
21:41उल्लसत्पीत विद्योती विद्योती ततनूत्रयं।
21:48निगमागमसर्वस्वं। इडेहं तन्महन्मह।
21:55ओम्पूर्वं स्थिरमायाम्च बगला मुखी सर्वतह।
22:03दुष्टानामबाच मुच्चार्यं।
22:07मुखं पदं ततो धरे।
22:10स्तंभयेति ततो जिह्वाम कीलयेति समुध्धरेत।
22:16बुधिम्बिनाशयेति पदं स्थिरमायामनुस्मरेत।
22:22प्रणवं वह निजायाचेति एव पैतां बरोमनुह।
22:30पातुमामसर्वदासर्वं निग्रहानुग्रहक्षमह।
22:37कन्थम नारदर्शिफ्पात।
22:41पंक्तिछंदोवतान्मुखं।
22:44पीतांबरादेवतात। जन्मध्यमवतान्मुह।
22:51हलिभी जम्स्तनयोर्मे अभ्यात।
22:54स्वाहाशक्तिष्चदंतयोह।
22:58सकीलकंत थागुह।
23:01विनियोगोवताद्वपुह।
23:04शद्दीर्घभाजाबीजेन।
23:08व्यासो व्यान्मे करादिकं।
23:12द्विपंजपंचनंदेश।
23:15दशभिर्मंत्रवर्णकैह।
23:18शडंग कल्पनापात।
23:21शडंगानिहनुक्रमात।
23:24अइम्विध्या तत्वंक्लीम्माया।
23:28तत्वं सौष्चशिवात्मकं।
23:32तत्वत्रयं संबीजम्च।
23:36शुष्च।
23:38शुष्च।
23:40शुष्च।
23:42शुष्च।
23:44शुष्च।
23:46शुष्च।
23:48शुष्च।
23:50शुष्च।
23:52स्वर्णपंकजसंविष्च।
23:56शुष्च।
23:58शुष्च।
24:00शुष्च।
24:02मल्ली चंदन शोभिताम।
24:05सव्व्याभाम पंच शाखायाम।
24:08वज्रजिह्वाम्च विभ्रतीम।
24:12मुद्गरम नाग पाशंच।
24:15दक्षिना भ्याम दालसाम।
24:18भक्तारि विग्रहोद्योग।
24:22प्रगल्भाम बगलामुखीम।
24:25ध्याय मानस्यमे पातु।
24:29शास्त्रवोद्वेशने भ्रशं।
24:32भूकला दलदिक्पत्र।
24:35शट्कोणं त्र्यस्त्र बैंदुकं।
24:39यंत्रं पैतांबरं पातु।
24:43सामाम पायाद विग्रह।
24:46आधार शक्तिमारभ्य।
24:49ज्ञानात्मान्तास्तु शक्तयह।
24:53पीठाद्याफ पान्तु पीठेत्रम।
24:57प्रथमम्माम्चरक्षत।
25:00शान्ति शंख विशेशात्म।
25:03शक्ति भूतानि पान्तु माम।
25:07आवाहनाद्याफ पंचापी।
25:10मुद्राष्य सुमनो जलै।
25:13त्रिकोण मध्यमारभ्य।
25:17पूजिताब गलामुखी।
25:20क्रोधिनी संभिनी चापी।
25:23धारिण्यस्चापी मध्यगाह।
25:27ओजफ कूशादि पीठानी।
25:31कोणाग्रेशु स्थितानि वै।
25:34त्रिकोण बाह्यत सिध्ध नाथ ध्यागुरवस्तथा।
25:40सिध्ध नाथ सिध्धानंद नाथ सिध्ध परमेशिह।
25:47नाथ सिध्ध श्रीकंठः चनाथ सिध्ध चतुष्टयं।
25:54पातु मामथ शटकोणे सुभगाभग रूपिनी।
26:06भगोदयाच भगिनी पातिनी भगमालिनी।
26:12भगवाहाच मामपातु शटकोणाग्रेशु चक्रमात।
26:19त्वगात्माशोणितात्माच मामसात्मामेदसात्मकह।
26:25रूपात्मापरमात्माच पातु मामस्थिरविग्रह।
26:32अष्टपत्रेशु मूलेशु ब्राम्ही माहेश्वरीत था।
26:38तथा कौमारि वैष्ण वीवाराहि इंद्राणी चतथा पुनह चामुंदाच महालक्ष्मीहि तत्रमध्ये पुनर्जया विजयाच जयांबाच राजिताज्रम्भिनी तथा स्तंभिनी मोहिनी वश्या कर्शिन्यत तदग्रके
27:04असितांगोरु रुष्चंदह क्रौधोनमत्तक पालिनह भीषणाश्चापि सम्हार एते रक्षन तुमाम सदा ततश्षोडश पत्रेशु मंगलास्तंभिनी तथा ज्रुम्भिनी मोहिनी वश्या ज्वालासिम्ही बलाहका
27:30भूधरा कल्मशाधात्री कन्यका कालकर्शिनी भांतिका मंदगमना भोगस्था भावकेतिच पातुमामध भूसद्म दशदिक्षुदिगीश्वराह
27:48इंद्रोवनलोयमूरक्षो वरुणोमारुतस्षशिही इशोवननतस्वयम्भूष्च दशैते पान्तुमेवपुहू
28:02वज्रशक्तिर्दंडखटगऊ फाशांकुषगदाख्क्रमात शूलम्चक्रम्सरोजम्च ततच्छस्त्राणि पान्तुमाम।
28:15अथचपूर्वादिचतुहू दिशासूपरतख्क्रमात पातु विग्नेश बटुकऊ योगिनीक्षेत्रपालकह।
28:27गुरुत्रयम्त्रिरेखासू पातुमेवपुरंजसा।
28:33पुनवपीतांबरापातू उपचारैफ्प्रपूजिता।
28:39सांगावरणशक्तिष्च जयश्रीफपातु सर्वदा।
28:46वलयमबटुका दिभ्यो रक्षामकुर्वन्तुमेसदा।
28:52शक्तयस्साधकावीराह। पातुमेदेवताईमाह।
28:59इत्यर्चाक्रमतफ्प्रोक्तं।
29:02स्तोत्रंपैतांबरंपरं।
29:06यवपठेत्सकृदप्यतत। स्वर्चाफलमवापनुयात।
29:13सर्वथाकारयेत्क्षिप्रम्प्रपध्यन्ते गदातुरान।
29:19राजानो राजपत्यस्च पौरजानपदास्तथा।
29:26वशगास्तस्यजायन्ते सततम्सेवकाईव।
29:32गुरुकल्पास्च विबुधा।
29:35मुकताम्यान्ति तेग्रतह।
29:38स्थिराभवति तद्गेहे।
29:41चपलापिहरेप्रिया।
29:44पीताम्बरांगवसनोयदिलक्ष्यसंख्यम।
29:49पैताम्बरम्मनुममुम्प्रजपेन्नरोयह।
29:54हेमी सक्रन्यमवान्विधिनाहरिद्रा।
29:59मालाम्ददधभवतितद्वशकात्रिलोकी।
30:05भवानिवगलामुखेत्रिदशकल्पवल्लिप्रभु।
30:11कृपाजलनिधेतवचरणधूतबाधाखिलह।
30:17सुरासुरनरादिसकलकलभक्तभाग्यप्रदे।
30:23त्वधंग्रिसरसीरुहद्वयमहम्तुध्यायेसदा।
30:29त्वमस्यजगताम्जनिस्थिति विनाषबीजम्निज।
30:35प्रकाषबहुलद्युतिर्भवतिभक्तरुन्मध्यगा।
30:41त्रैमनुसुपूजिता हरिहरा दिव्रुन्दारकै।
30:47अनुक्षणम अनुक्षणम अई शिवेक्षणम विक्षताम।
30:53शिवेतवतनुमहम्हरिहराध्यगम्यांपराम।
30:59निखिलताप प्रत्यु हरुद्या भाव युक्ताम स्मरे।
31:15विदारय विचूर्णय ग्लपय शोषय संभय।
31:21प्रणोदय विरोधय प्रविलय प्रबध्धारिना।
31:26पार्वतिक्रुपालसन्मै कटाक्षपातम्मना।
31:32गनाकुलतयाक्षणम्क्षिपविपक्षसंशोभिणी।
31:38यदिक्षणपथंगतस्सकृदपिप्रभुकस्चन।
31:44स्पुटम्मवशंवदोभवतुतेनपीताम्वरे।
31:50ओम्नमो भगवते महारुद्राय हुम्फट्स्वाहा।
31:56ओम्नमो भगवते महारुद्राय हुम्फट्स्वाहा।
32:08इतियधर्वणरह स्यांतर्गतह।
32:12श्री बगलामुखीस्तवराजस्समापतह।
32:17ओम्तत्सत।
32:20ओम्नमो भगवते महारुद्राय हुम्फट्स्वाद्स

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