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महाकाल का दिव्य श्रृंगार और भस्म आरती | नृसिंह चतुर्दशी पर उमड़ा जनसैलाब
 

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00:00ये तस्वेर मध्यप्रदेश की प्रसद्ध नगरी उज्जैन की है जिसे महाकाल की नगरी कहा जाता है
00:11यहां नरसिंग चतुरदशी के शुब अवसर पर ब्रह्म मोरत में ही हजार उश्रद्धालू महाकाल इश्वर मंदिर की ओर उमर पड़े
00:21भगवान शिव के विशेश शिंगार को देखना अपने आप में एक बहुत बड़ा सौभा के होता है
00:29महाकाल को चंदन, गुलाल, पुष्प और बेलपत्र से अलंकृत किया गया था
00:36इसके बाद शुरू होई भसमारती जो महाकाल इश्वर की पहचान है
00:42चिता की भसम से जब भगवान महाकाल का अभिशेख किया गया तब पूरा परीसर शिव मै हो उठा
00:50डमरू की ध्वनी, शंकनाद और हरहर महादेव के जैगोश से वातवरन गुज उठा
00:58इस दिन विशेश रूप से भगवान निरसिंग अवतार की पूजा भी की गई
01:12शेवर वेश्णव, सनातन धर में दोनों व्यवस्ताओं को समानता से मानी जाती है और महाकालेश्वर तो स्वियम ही वेश्णव है
01:21इसलिए यहां मंदिर में जब भी कोई शिंगार करते हैं तो उसमें भगवान विश्णू का भी अंश दिखाये जाता है
01:28आज नर्सिंग 14 है और नर्सिंग जी का जहिंती परवक मनाये जाता है शाहर में धूमदान से प्रातक काल भसमारती में जो शंगार हुआ उसमें नर्सिंग का सरूप था उस शंगार में भगवान नर्सिंग के रूप में दिख रहे थे
01:44तो यह हमारे यहां का समन्वाई सनातन का समन्वाई शेव और वेश्णों का समन्वाई है इसलिए आज यहां भी भगवान विश्णू का जो अंश और अउतार हुए है नर्सिंग उसका जान में उसम मनाया गया है
02:14कर दो यहां का समन्वाई यहां का समन्वाई है
02:44कर दो यहां का समन्वाई यहां का समन्वाई है

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