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00:00बंगाल से ही कहानी है कि एक ग्रहस्थम थी तो उसका जो पती था वो किसी वेश्या गया आया जाया करता था तो ये जो पत्नी थी ग्रहस्थ इसको बड़ा moral इंडिकनेशन हुआ तो ये फन फनाती हुई गई उस वेश्या के पास तो वेश्या बोलती है सुन मैं तुझसे ज
00:30कैसे बोल दिया ये वह तो बोलती है ठीक है मैं जिन इश्ट देव को मानती हूं वह आ करके फैसला कर दें कि ज्यादा सदाचारेणी मैं हूं कि तू है तो काहनी बोलती है कि देवता प्रकट हुए देवता ने फैसला दिया कि ज्यादा पईतर वो विश्या है क्यों बोले
01:00के कारण कर रही है लेकिन तू बैमानी और करती है इसके साथ में