️दीदी मेरे साथ बहुत मस्ती कर रही थी | Suvichar Motivational Story Romantic Story Night Story
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00:00आज का दिन बहुत ही अजीब था. सुबह सुबह ही मम्मी पापा किसी काम से बाहर गए थे और घर में बस मैं और भाई थे.
00:09जैसे ही उन्होंने कहा हम दोपहर तक वापस नहीं आएंगे. मेरे मन में एक अजीब सी हलचल मच गई. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आज का दिन कैसा रहेगा.
00:22जैसे ही मम्मी पापा गए, भाई की नजर मुझे पर कुछ अलग तरीके से पड़ी. मैं समझ ही नहीं पाई कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है.
00:33उसने एक बार मुझे घूर कर देखा और फिर मुस्कुराया. मेरी छटी इंद्रिया कुछ कह रही थी. मगर मैंने उसकी मुस्कान को नजर अंदास कर दिया.
00:45मैं अपने काम में लगी रही और सोचा कि सब कुछ सामान नहीं रहेगा.
00:50अचानक मौका मिलते ही, भाई ने मेरी तरफ इशारा करते हुए कहा, अरे आज मम्मी पापा घर पर नहीं है, तो क्यों ना कुछ मस्ती करें?
01:01मैंने आखे तिर्ची की और बोली, क्या बात कर रहे हो?
01:06मम्मी पापा ने साफ कहा है कि हम अच्छे से रहेंगे और घर में किसी भी चीज को गडबड नहीं करेंगे.
01:13भाई ने हस्ते हुए जवाब दिया, अरे यार, बस थोड़ा सा मज़ा करेंगे, वैसे भी इतना सुनसान घर और तुम मुझसे मस्ती की उम्मीद नहीं करोगी.
01:25उसकी बाते सुनकर मुझे भी थोड़ी हसी आ गई.
01:28आखिरकार भाई है और उसे मस्ती करने की आदत है.
01:34मैंने सोचा, चलो थोड़ा टाइम पास ही सही पर देखना है कि वह क्या करेगा.
01:40फिर भाई ने जोर से कहा, चलो तुम्हारे साथ एक खेल खेलते हैं.
01:46मैंने आखे टेड़ी करते हुए कहा, कौन सा खेल?
01:49भाई ने शरार्ती अंदास में मुस्कुराते हुए कहा, तुम्हें याद है बच्चपन में हम चुपन चुपाई खेलते थे.
01:58मैंने हस्ते हुए कहा, हाँ हाँ पर अब हम बड़े हो गए हैं, और ये खेल खेलना थोड़ा अजीब नहीं लगेगा.
02:05उसने जवाब दिया, अरे कोई नहीं, ममी पापा नहीं है, तो थोड़ा बच्चपन का मज़ा क्यों ना ले?
02:14मुझे भी उसकी बात में थोड़ी मस्ती दिखी तो मैंने हामी भर दी.
02:18जैसे ही हम खेल शुरू करते हैं, भाई मेरे पीछे आता है और कहता है, अरे तुमको तो पकड़ा जाना बहुत आसान है, अरे चुप करो.
02:28मैंने हस्ते हुए कहां और भागने की कोशिश की, मैं दोड़ते हुए घर के एक कोने में चुप गई लेकिन मुझे गलत फहमी थी.
02:39कुछ ही मिन्तों में वहां मुझे ढूनता हुआ मेरे पास आ गया और चुपके से मेरे पीछे खड़ा हो गया.
02:45एक, दो, तीन मैं जल्दी से भाग कर दूसरी मंधिल के स्टोर रूम में जा चुपी.
02:52सोचा यहां तो मुझे ढूनना उसके लिए नामुम्किन होगा पर भाई की चालाकी के सामने मेरी हर कोशिश बेकार थी.
03:00कुछी देर बाद उसने मुझे ढून लिया और फिर से वही जखो जाते हुई कहां ठीक है तो अब हम रसोय में चलते हैं और कुछ नया पकाते हैं.
03:11वैसे भी मम्मी ने मना किया है कि रसोय में कुछ बढ़ना ना तो अब यही करते हैं. मैंने उसको धांटाए हुए कहा. अगर मम्मी को पता चला कि हमने किचन में कुछ बनाया है तो हमारी खैर नहीं. और वैसे भी तुम जानते हो कि मुझे खाना बनाना नहीं आता.
03:29लेकिन भाई को तो जैसे चैलेंज देना था उसने कहा तुम सिर्फ देखो मैं अपने आप सब संभाल लूँगा हम दोनों रसोई में गए और भाई ने कुछ अजीबो गरीब रेसिपी बनाने का सोचा उसने फ्रिच से चीज, टॉमेटो, सॉस और ना जाने कौन-कौन सी
03:59देखकर ठाके लगाये ना जाने वह क्या था पर वह देखने, मैं बिलकुल भी खाने लायक नहीं लग रहा था, फिर भी भाई ने हिम्मत की और एक
04:08तुकड़ा तोड़ कर मेरे सामने बढ़ाया लो, पहले तुम खाओ, मैंने उसे घूरते हुए कहा, मैं नहीं खा सकती, ये तुम खाओ, उसने हंस्ते हुए कहा, अरे डर गई, क्या मुझे चुनोती देते हुए, देखकर मैंने थोड़ा सा खा ही लिया, और जैसे ही मैंने
04:38बात नहीं है, उसके बाद हम दोनों, रसोई से बाहर आएं और हंस्ते हंस्ते लिविंग रूम में आ गए वहां पहुचते ही भाईने सोफे पर, धम से, बैठते हुए कहा, यार ये तो बहुत मजेदार था, लेकिन अगली बार किचन में बिना मम्मी की एजाजत के कदम न
05:08ना देख लेकी उन्होंने क्या क्या चुपा रखा है, मेरे चहरे पर थोड़ी सी घबराहट आ गई, मैंने कहा भाई ये ठीक नहीं है, अगर मम्मी को पता चला तो हमें बहुत डाट पड़ेगी, लेकिन भाईने मेरी बात, पर ध्यान नहीं दिया, वहां अलमारी के पास �
05:38कुछ तस्वीरों में, मैं भाई के बाल खीच रही थी, तो कुछ में वो मुझे तंग कर रहा था, हमें देखकर बहुत हसी आ रही थी, फिर अचानक भाई को एक पुराना खिलोना मिल गया, जो उसकी सबसे फेवरिट चीज थी, उसने उस खिलोने को देखकर कहा, अरे ये
06:08दोनों उन पुरानी चीजों में खोड़ हुए थे और हमें समय का बिलकुल भी अंदाजा नहीं था लेकिन, तभी अचानक दर्वाजे पर घंटी बजी हम दोनों एक दूसरे को घबराए हुए देखने लगे, मैं बोली अरे ममी पापा तो शाम को आने वाले थे, ये अभ
06:38दोनों ने कहा बेटा तुम दोनों ठीक होना मैंने सोचा घर में इतने ठाहा के सुनाई दे रही हैं, तो आकर देख लू हम दोनों ने एक दूसरे की ओड़ देखा और मुस्कुरा दिये भाई ने जवाब दिया जी आन्टी हम बिलकुल ठीक है, बस यों ही मस्ती कर रहे थ
07:08सफाई नहीं की थी हम दोनों रसोई की हालत देकर घबरा गए टमाटर चीज आटे का धूल और अजीब से सौस के छीटे हर तरफ थे मैंने भाई की तरफ गुसे से देखा और हम दोनों चल्दी चल्दी किचन को साफ करने में लग गए भाई ने जमीन पर गिरे टमाटर के
07:38सफाई करते करते भाई ने मजाक में कहा आज तो हमने इतनी सफाई की है कि मम्मी भी देखकर खुश हो जाएंगी मैंने उसे टेड़ी नजरों से देखा और कहा खुश तो तब होंगी जब उन्हें पता चलेगा कि हमने यहां बवाल मचाया था सफाई करने की बाद हम दोन
08:08सिर्फ पकड लिया और कहा तुझे फिर से आईडिया क्यों आ रहा है अभी अभी तो हमने सफाई की है वह बोला अरे इस बार कोई गडबड नहीं करेंगे चल मम्मी के फोन से एक सेलफी लेते हैं वह हमेशा हमें उनके फोन को हाथ लगाने से मना करती हैं तो उनकी गैरहा
08:38हम दोनों ने मम्मी का फोन उठाया और अलग-अलग अजीब चहरे बना कर सेलफी खीचने लगे कभी वह बिचक चहरा बनाता तो कभी मैं मुफ भूला कर फोटो खिचवा रही अचानक भाई ने कैमरे का विडियो मोड आउन किया और रेकॉर्डिंग शुरू कर दी उसने
09:08कोई मस्ती नहीं करेगा हमारे पास हसने के अलावा और कोई काम नहीं बचा था वो विडियो इतना मजेदार बन गया कि हम दोनों ने इसे सेव कर लिया तभी दरवाजे पर आवाज आई और इस पार मम्मी पापा सचमुच घर आ चुके थे हमने एक दूसरे को देखा और �
09:38कर रहे थे मम्मी ने हमारी शकल देखी और संदेह भरी नजरों से बोली हाँ ठीक है तुम दोनों बहुत सीधे साधे लग रहे हो आज जरूर कुछ किया है हम दोनों एक दूसरे की ओर देख कर मुस्कुराए और बोले अरे मम्मी आप तो ऐसे ही सोच रही है हम सच में अच
10:08जो भी किया हो किसी को पताना चले हम दोनों ने सहमती में सिरहिलाया और अपने कमरों में चले गए लेकिन उस दिन की मस्ती और शरारते हमारे चहरों पर हमेशा के लिए एक यादगार हंसी छोड़।
10:38और जवाब दिया नहीं तुम भी सो नहीं पाए क्या वह मुस्कुर आते हुए मेरे पास बैट गया और बोला यार आज का दिन सच में मजेदार था जब मम्मी का फोन चुपके से लेकर हम दोनों ने वीडियो बनाई तब मम्मी को बिलकुल अंदाजा नहीं था हम दोनों �
11:08यहीं बाकी है कि मम्मी को पता चले और फिर हमारी असली खैर नहीं है है भाई ने मेरी बात पर थोड़ी गंभीरता दिखाते हुए कहा हा यह तो है वैसे वह वीडियो तुमने डिलीट कर दिया है ना मैंने चौकते हुए जवाब दिया मैंने अरे वह तो तुम्हारे पास
11:38दोनों तुरंट मेरे सामने आओ हम दोनों समझ गए कि हमारी पोल खुल गई है हम धड़खते दिल से
11:45ममी के पास गए और ममी ने हमारी बनाई वीडियो को दिखाते हुए कहा तो यह सब कर रहे थे तुम दोनों मेरी गैरहाजरी में हमने मासूम बनकर ममी से माफी मांगी और कहा ममी हम सिर्फ मजाग कर रहे थे अब कभी नहीं करेंगे
12:01मम्मी ने पहले तो हमें घूरा फिर अचानक मुस्कुराते हुए बोली अच्छा है तुम दोनों ने बच्पन के दिन याद दिला दिये लेकिन अगली बार मेरी अलमारी और दोस्तों यह थी आज की कहानी अगर अच्छी लगी हो तो हमें जरूर बताएं धन्यवाद