नई दिल्ली: गर्मियों के मौसम में दिन में तापमान बहुत ज्यादा जबकि रात में बहुत कम हो जाता है. ऐसे में रेल पटरियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे रेल परिचालन जोखिम में पड़ सकता
है. इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे, पटरियों पर तनाव को कम करने का काम करता है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि मौसम के उतार-चढ़ाव की वजह से पटरियों में दरारें न पड़े या वो टूटें नहीं.इस संबंध में उत्तर मध्य रेलवे में प्रयागराज मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि जिस समय भी मौसम का चेंज आता है खासकर टेंपरेचर में वेरिएशन बहुत ज्यादा होेता है उस समय रेल के पटरी के चटकने की अथवा उसमें बकलिंग की संभावना रहती है, लेकिन उसको कैसे दूर किया जाए इसके लिए रेलवे विभाग डिस्ट्रेसिंग के माध्यम से लगातार ब्लॉक्ड करता है. ट्रैक को मेंटेनेंस करता है जिसमें एक सर्टेन टेंपरेचर पर रेल पे कट लगाके उसके स्ट्रेस को रिलीज किया जाता है और बाद में उसे वेल्ड कर दिया जाता है."उन्होंने कहा, "अपना उत्तर मध्य रेलवे लगातार अपनी मेंटेनेंस गतिविधियों के माध्यम से जो मौैसम का परिवर्तन है उससे लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है बाकी हम लोग समर वेदर पेट्रोलिंग करते हैं ताकि रात में भी हमारा जो स्टॉफ है,पेट्रोलमैन हैं हमारे ट्रैकमैन है वो लगातार उस ट्रैक को वॉच करते हैं ताकि किसी भी तरह से अगर पटरी में, ट्रैक में कोई भी कमी है उसे समय रहते सूचित कर दें ताकि यात्रियों को हम लोग संरक्षित तरीके से, सुरक्षित तरीके से गंतव्य तक पहुंचा सकेंं."यह भी पढ़ें- पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम मोदी ने अमित शाह से की बात, दिया यह आदेश
है. इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे, पटरियों पर तनाव को कम करने का काम करता है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि मौसम के उतार-चढ़ाव की वजह से पटरियों में दरारें न पड़े या वो टूटें नहीं.इस संबंध में उत्तर मध्य रेलवे में प्रयागराज मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि जिस समय भी मौसम का चेंज आता है खासकर टेंपरेचर में वेरिएशन बहुत ज्यादा होेता है उस समय रेल के पटरी के चटकने की अथवा उसमें बकलिंग की संभावना रहती है, लेकिन उसको कैसे दूर किया जाए इसके लिए रेलवे विभाग डिस्ट्रेसिंग के माध्यम से लगातार ब्लॉक्ड करता है. ट्रैक को मेंटेनेंस करता है जिसमें एक सर्टेन टेंपरेचर पर रेल पे कट लगाके उसके स्ट्रेस को रिलीज किया जाता है और बाद में उसे वेल्ड कर दिया जाता है."उन्होंने कहा, "अपना उत्तर मध्य रेलवे लगातार अपनी मेंटेनेंस गतिविधियों के माध्यम से जो मौैसम का परिवर्तन है उससे लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है बाकी हम लोग समर वेदर पेट्रोलिंग करते हैं ताकि रात में भी हमारा जो स्टॉफ है,पेट्रोलमैन हैं हमारे ट्रैकमैन है वो लगातार उस ट्रैक को वॉच करते हैं ताकि किसी भी तरह से अगर पटरी में, ट्रैक में कोई भी कमी है उसे समय रहते सूचित कर दें ताकि यात्रियों को हम लोग संरक्षित तरीके से, सुरक्षित तरीके से गंतव्य तक पहुंचा सकेंं."यह भी पढ़ें- पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम मोदी ने अमित शाह से की बात, दिया यह आदेश
Category
🗞
NewsTranscript
00:00ुद्धर मध्य रेल्वे रेल पट्रियों के रख्रखाव के लिए कई कदम उठा रहा है।
00:30पट्रियों में दरारे ना पड़े या वो तूटे नहीं।
01:00जाके उसके इस्ट्रिस को रिलीज किया जाता है और बाद में उसको वेल्ड कर दिया जाता है।
01:04रेल पट्रियों का तनाव कम करने के लिए जरूरी रख्रखाव से लेकर रात्री गश्त तक रेल्वे ट्रैक को सुरक्षित रखने की हर कोशिश की जा रही है।
01:14अपना उत्तरमध रेल्वे लगातार अपनी इन मेंटेनेंस गतविदियों के माध्यम से जो मौसम का परिवर्तन है उससे लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
01:24बाकि हम लोग समर वेदर पेट्रोलिंग करते हैं ताकि रात्र में भी हमारा जो इस्टाफ है पेट्रोल मैन है हमारे ट्रैक मैन है वो लगातार उस ट्रैक को वाच करते हैं ताकि किसी भी तरह से अगर पट्री में ट्रैक में कोई भी कमी है तो वो समय रहते हैं उसे सूच
01:54This is the end of the day of the day.