केरल के कोट्टायम जिले में रविवार को तिरुवारप्पु श्री कृष्ण मंदिर में पांचवां पुरप्पाड़ त्योहार मनाया गया. इसमें भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान 10 साल से कम उम्र की लड़कियों ने मंदिर के मुख्य देवता के सम्मान में जुलूस की शक्ल में पारंपरिक दीप यात्रा निकाली. इस रस्म में हिस्सा लेने वाली ये लड़कियां त्योहार से पहले 10 दिन तक उपवास रखती हैं और मंदिर के आसपास ही रहती हैं. लड़कियों के लाए दीपों को मंदिर की पवित्र अग्नि से जलाया जाता है. नाव के आकार में बने दीप लकड़ी के खंभों पर रखे जाते हैं. उनमें पांच, सात या नौ बत्तियां होती हैं. विलक्केडुप्पु नाम से मशहूर ये परंपरा इस त्योहार की मुख्य विशेषताओं में एक है. इस उत्सव के साथ कई रस्में जुड़ी हैं, लेकिन दिग्विजय यात्रा का पहला दिन, जिसे पांचवां पुरप्पाड़ या पांचवां प्रस्थान कहा जाता है, काफी महत्व रखता है.
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