गडरारोड में चार-पांच दिन से जलापूर्ति, वह भी नाकाफी
गर्मी की दस्तक के साथ पानी की किल्लत शुरू हो गई है। गडरारोड जलदाय विभाग के ट्यूबवेल से कस्बे सहित आसपास के गांवों में जलापूर्ति होती है, लेकिन अभी कस्बे में ही पानी का संकट गहरा गया है। चार-पांच दिन में नलों में पानी आ रहा है, वह भी एक-दो दिन की जरूरत जितना ही मिल रहा है।
चार ट्यूबवेल में ही पानी, बाकी खराब
पत्रिका ने पड़ताल की तो सामने आया कि गडरारोड जलदाय विभाग में कहने को 16 ट्यूबवेल हैं, लेकिन पानी की आपूर्ति महज चार से हो रही है। एक-एक कर ट्यूबवेल खराब हो रहे हैं, जिन्हें शुरू करने के बजाय विभाग बंद करके इतिश्री कर रहा है। इससे बॉर्डर के गांवों और ढाणियों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। पत्रिका टीम ने कस्बे के बंजारा बस्ती, सुंदर नगर, जाट बस्ती, उतरी मेघवाल बस्ती, चारणों का पाड़ा सहित कई मोहल्लों में पेयजल आपूर्ति की पड़ताल की। सभी जगह घरों में पानी के टांके खाली मिले।
गर्मी की दस्तक के साथ पानी की किल्लत शुरू हो गई है। गडरारोड जलदाय विभाग के ट्यूबवेल से कस्बे सहित आसपास के गांवों में जलापूर्ति होती है, लेकिन अभी कस्बे में ही पानी का संकट गहरा गया है। चार-पांच दिन में नलों में पानी आ रहा है, वह भी एक-दो दिन की जरूरत जितना ही मिल रहा है।
चार ट्यूबवेल में ही पानी, बाकी खराब
पत्रिका ने पड़ताल की तो सामने आया कि गडरारोड जलदाय विभाग में कहने को 16 ट्यूबवेल हैं, लेकिन पानी की आपूर्ति महज चार से हो रही है। एक-एक कर ट्यूबवेल खराब हो रहे हैं, जिन्हें शुरू करने के बजाय विभाग बंद करके इतिश्री कर रहा है। इससे बॉर्डर के गांवों और ढाणियों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। पत्रिका टीम ने कस्बे के बंजारा बस्ती, सुंदर नगर, जाट बस्ती, उतरी मेघवाल बस्ती, चारणों का पाड़ा सहित कई मोहल्लों में पेयजल आपूर्ति की पड़ताल की। सभी जगह घरों में पानी के टांके खाली मिले।
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NewsTranscript
00:00How did they come up here?
00:16Where did they come from?
00:18They fell down to the ground
00:24Did they come to a guard?
00:26They came to the ground
00:30Did you go?
00:35Did you go?
00:36Yes.