'দেশে গৃহযুদ্ধ বাঁধলে দায়ী সুপ্রিম কোর্টের প্রধান বিচারপতি' বিস্ফোরক নিশিকান্ত দুবে
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00:00आर्टिकल 368 कहता है कि इस देश के सम्मिधान को पार्लिमेंट को सभी कानून बनाने का अधिकार है
00:07इस देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए केवल और केवल सुप्रीम कोट जिम्मेबार है
00:14सुप्रीम कोट का एकमात रुद्देश है
00:16सुप्रीम कोट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है
00:22त्वीट को लेकर के बहुत जादा हैडलाइन बन रही है
00:25आपने त्वीट करते हुए लिखा है कि अगर सुप्रीम कोट ही अगर कोट से ही सारे कानून बनेंगे
00:32तो कहीं न कहीं पार्लियमेंट के दरवाज़े बंद कर देने चाहिए
00:35बंद हो जाने चाहिए ना
00:36मैं आपको बताओ कि
00:38एक आर्टिकल
00:39377 था
00:41जिसमें होमो सेक्षवेलिटी
00:44जो है एक बड़ा अपराद है था
00:46अभी
00:48ट्रम्प एडिमिस्टेशन आया है उसने क्या कहा है
00:50उसने कहा है कि
00:52इस दुनिया में दो ही
00:53सेक्स है
00:55या तो मेल है या तो फीमेल है
00:58ट्रांसजेंडर की उसने बात नहीं कही
01:00होमो सेक्षवेलिटी की बात नहीं कही
01:02पूरी क्रिश्चन कम्मिनिटी हो
01:05पूरी हिंदिय कम्युटी हो
01:06पूरी मुसलिम कम्युटी हो
01:08पूरी बुद्ध हो, जैन हो, सिख ओ
01:10सभी यह मानते हैं
01:12कि होमो सेक्सुलिटी एक अपराध है
01:14सुप्रिम कोर्ट ने
01:16वन फाइल मॉर्निंग कहा कि
01:17ने, ये केس हम labeling fireworks करते हैं
01:19ये आर्टिकल एबॉलिस करते हैं, हमने आईटी एक्ट बनाया, आईटी एक्ट में सबसे ज़्यादा दुखी कौन है, महिलाएं, महिलाओं के पौरनाते हैं, बच्चे हैं, बच्चे के पौरनाते हैं, उनकी सेक्स्विलिटी के बारे में जो है हंगामा होता है, एक दिन सु
01:49हम जो कानून बनाते हैं, हम जो जज्जमेंट देते हैं, वो लोर कोट से लेके सुप्रिम कोट तक लागू है, लेकिन कानून बनाने वाला जो है, आर्टिकल 368 क्या कहता है, आर्टिकल 368 कहता है कि इस देश के सम्मिधान को, पार्लिमेंट को सभी कानून बनाने का अधिक
02:19करना है और उसके बाद आज जो है ये देश राम कृष्ण सीता राधा त्वादस जोतिर लिंग से लेके क्या बन सकते पीठ का है सनातन की परंपरा है लाखों साल की परंपरा है आप जब राम मंदिर का विसे होता है तो आप राम मंदिर में कहते हो कि कागज दिखाओ क्रि�
02:49और आज केवल आप मुगलों के आने के बाद जो मस्जिद बने हैं उसके लिए करते हैं कि आप कागज कहा से दिखाओ इस देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए केवल और केवल सुप्रिम कोट जिम्मेबार है सुप्रिम कोट का एकमात रुद्देश है सो मी �
03:19जिस कानून को बनाया उस कानून की उसको व्याख्या करनी है और यदि व्याख्या नहीं कर सकती है और सब कुछ के लिए सुप्रिम कोट जाना है तिस संसत का कोई मतलब नहीं है विदान सभा का कोई मतलब नहीं उसको बंद कर देना चाहिए जो अपॉइंटिंग अथॉर
03:491942 की प्रिवी कॉंसील की जज्जमेंट है उसमें ये कहा गया कि जहां कानून नहीं लिखा हुआ है उसके बारे में ये प्रिवी कॉंसील या सुप्रिम कोड को जज्जमेंट देती है तो बात समझ में आती है यहां पूरा जज्जमेंट लिखा हुआ है कि राष्टपती का क्
04:19कहां से लेके आगे कि राष्टपती को तीन मेने के अंदर फैसला करना ये किस कानून में लिखा हुआ है इसका मतलब ये है कि आप इस देश को एनार्की की तरफ ले जाना चाहते हो और एनार्की जो है इस देश में वरदास्त नहीं होगी जब नया कानून आएगा जब नया
04:49जब भाई भतीजाबाद के आधार पर जज़ का चुनाव नहीं होगा सिरूल कास्ट जज नहीं है सिरूल ट्राइब जज नहीं हो बीसी जज नहीं है मैक्सिमम 78-80% जो है 78-80% जो है केवल और केवल जो है सवन जाती के जज बठे वे और आप अमना कानून चलाओगे ये क
05:19देश का फेक्टर है वो भी दिखाई दिखाई दिया उसमें इसको लेकर के वक्फ कानून को लेकर के जब वक्फ जेपीसी जगतंबीका पाल जी चेर में चो चेर परसन थे उनसे पूछा गया उनना का कि अगर यह उनकॉंस्टूशनल बोल रहे हैं जेपीसी की इतनी बै�
05:49हो रहे हैं उसके जिम्मेबार केवल यहां के चीफ जस्तिस अफिंडिया संजीब खनना साल है