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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने संशोधन बिल का विरोध किया है। बोर्ड का कहना है कि यह बिल मुसलमानों के अधिकारों पर हमला है। वे सड़क पर प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कर रहे हैं। भाजपा का कहना है कि यह बिल संवैधानिक तरीके से पारित हुआ है और इसका विरोध गैर-संवैधानिक है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने उनके सुझावों को नहीं माना।

यह खबर एक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण खबर है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का इस संशोधन बिल के खिलाफ विरोध जो है उनके मुताबिक मुसलमानों के अधिकारों पर हमला है और  इस मुद्दे को लेकर और भी जटिल बना देता है। उनका यह कहना कि वे सड़क पर प्रदर्शन करेंगे और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे, यह दर्शाता है कि वे इसे गंभीर मुद्दा मानते हैं और इसके खिलाफ कानूनी और जन आंदोलन दोनों का सहारा लेने की तैयारी कर रहे हैं।

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Transcript
00:00تسلیم احمد رحمانی صاحب
00:01اب میں آپ کی پاس آتے ہوئے
00:02سدن سے پاس ہو گیا ہے
00:04کوٹ کا دروازہ جب کھڑ کھڑایا جا چکا ہے
00:06تو سڑک پر پردرشن کرنے کی وجہ کیا ہے
00:08और दूसरी तरफ देखे आरिफ महमत खान जी हैं
00:10आप पहले मंत्री भी रह चुके हैं
00:12उसके बाद केरल के राजिपाल रहे
00:14अबी आप बेहार में हैं
00:16उनकी ओर से इगडम इसपस तौर पर कहा गया है
00:18कि इसको जो रूप देने की कोशिश की जा रही है
00:20कुछ संगटनों की ओर से
00:22वो पूरी तरह से गलत है
00:24और कुछ उधारन भी उन्होंने दिये हैं
00:26आप अपना जबाद दिजेगा
00:28वो कहे रहे हैं 1980 में मुस्लिम महिला सुरक्षा अधिनियम
00:30पारिथ हुआ था
00:32इसमें कहा गया था अगर तलाक्षुदा महिला के
00:34देखभाल करने वाला कोई नहीं है
00:36तो उसे वर्क बोर्ड के ओर से भता दिया जाएगा
00:38दो साल बाद मैंने सेंसथ में पूछा कि
00:40वर्क बॉर्ड के क्या प्रावधान कि आए
00:42और तलाक्षुदा महिला के भते की रूपे
00:44कितनी राशि अब दिजाती है
00:46जिसके बाद जबाद दिया गया की
00:48किसी भी वर्क बोर्ड ने
00:50पैसे का प्रावधान नहीं किया है
00:52वर्क बोर्ड के हालत ये है
00:54कि उसके पास संपत्य तो बहुत जादा है
00:56लेकिन उसके पास वेतन देने के लिए
00:58पैसे नहीं है ये गवर्णर आउरिफ
01:00मुहमद खान ने और भी तमाम उदाहरण दिये है
01:02और वो कह रहे है कि गरीब मसल्मानों के ये पूरी तरसे हक में है
01:06इसको लेकर भ्यम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं
01:08आज आप लोग तसींब रह्मानी जी
01:15देखें चितरा जी हमारे देश की जो डेमोक्रेसी है
01:18बहुती मैं चॉर और बहुत वाइब्रेंड डेमोक्रेसी है
01:22और नई नहीं है पिछटर साल हो गए अब इसको
01:25और पिछटर साल में डेमोक्रेसी और डेमोक्रेटिक प्रोसिस को
01:30जीतने भी मराहिल से गुजरना चाहिए गुजरी है
01:33हमने 110 से ज्यादा अमेंड्मेंट देखे हैं इसमें
01:36और उन अमेंड्मेंट के खिलाफ़ कोट में जाना और प्रोटेस्ट करना ये भी सब देखा है
01:41ये सब जुडिस वामले में भी गए, सारी मिसाले सब के सामने हैं
01:45तो अब इस खास वामले में भारती जंता पार्टी की सरकार का जो ये रुख बन गया है
01:50कि डेवोक्रेसी को, वो डेवोक्रेटिक प्रॉसिस को, अवाब के आवास को दबाना चाहती है
01:57आप देखिए 370 जब पास्ट किया गया था, उसके दो दिन पहले पूरी की पूरी कश्मीर के स्टेट को, जो उस वक्त स्टेट था
02:05कैसे पुलीस और पेरा-मिलिटरी फोर्सिस की चाफ़नी में बदल दिया गया और उसके बाद 6 महिनें तक
02:11गरों से बाहर नहीं निकल दे दिया गया लोगों को, तो कारूर पास करवादा हमका हांगे को तस्मित करना चाहिए
02:18सर वो तो जब बुर्हानवाणी मारा गया था, तब भी 6 महिनें तक लोग गरों में कैद थे
02:22बिल की बात नहीं है, बात कश्मीर के हालाथ की, अगर आप 370 से तुलना करेंगे, तो फिर हालाथ वहाँ पर 6 महिनें के लिए वहाँ पर तो एंटरनेट बंद ही रहता था, सर कई बार ऐसा हुआ, हम लोगों ने खुद ही जाकर रेपोर्टिंग की थी बहाँ पर
02:35पुलीस ने उनको बुला लिए, और पूर्ट में बुला लिए, और मुचलके करने शूग कर दिए, 10-10 लाक रुपाई के लोडिस दिये जा रहे हैं, जो लोग इसके ख़लाब बोल रहे हैं. उसके खुलाब बोलने के लिए एक प्रासीदी के प्रासीदी की बार नहीं ह
03:05आपने एक मिसाल दे दी वो गलत मिसाल है कि जिसने भी क्या गलत किया लोगों को गरफ़तार करना चाहिए
03:13जिसने 70 साल के आदमी को पीटा या जिसने कट्वीर इस्सेंबली में अगर ये हुआ जो दिखाई दे रहा है
03:20तो उनको भी वहाँ स्पीकर को उनके ख़लाब कारवाई करनी चाहिए
03:24लेकिन अगर कोई वक्फ बिल की ख़लाब बोले तो उसको आप डस लाग रुपऐ का रोटीज दे देगे
03:29उसे आप घर में नजर बंद कर देगे ये कॉंसर डेमोक्रेटिक प्रॉसिस है ये ठीक नहीं है
03:35दूसरी चीज़ आप वक्फ बिल पे आईए हैं आरिफ मुहमद खाँ साहाब जो फर्बार हैं
03:38पहली चीज़ मैं भुत मामलात से मुत्तफ़ित नहीं हूँ चाहिए वो शाबाणों का केस हो जिसमें परसुल दाब का गलट किया था
03:47मिरा एक सवाल है
03:48एक पर तलाग का केस हो जिसमें personal law board का affidavit जूट था, जूट था, गलत था
03:54और उस supreme court ने जो फैसला किया बिल्कुल ठीक फैसला था
03:57तो मैं personal law board अभी भी जो petition एक दिन पहले
04:01अवेसी साहब ने डाल दी, साइड होने से बहुत जल्दी
04:04मैं petition खुद डालने बाला हूँ, लेकिन मैं पुरा
04:07researcher करके, लिख पढ़के, जो authentic होगा, वो करेंगे
04:12पूरे के पूरे बिल को मैं भी खारिज नहीं कर रहा हूँ
04:15लेकिन बिल की वो जो clausess हैं, जो पूरे के पूरे
04:19वक्स को के character को खटब करने, उसकी मुखालफत तो
04:22करनी पढ़ेगी, वर्णा तो वक्फ इस बुलक में बागी
04:25नहीं रहेगा, तो वो गरीब लोगों को नहीं मिल रहा
04:27उसका हक, उसमें corruption है, ये सब सही है, लेकिन
04:31उस corruption को दूर करने के जो तरीके सरकार ने
04:34सुझाए हैं, उससे नसीब ये कि corruption दूर नहीं होगा,
04:38बलके पूरा का पूरा वगबोरडी दूर हो रहा है.
04:40एक बार राकेश सिनह जी से जवाब नहीं लेती हूँ,
04:41गॉर्ण-पार्टी-जी-जी के बारे पाईएगा.
04:43अगर कोई मुखालफत कर रहा है, तो वो लोग-तांट्रिक तरीके से अपना विरोज उता रहा है, राकेश सिनह जी.
04:50वो कहें, नजाने कितने लड़कों को 10-10 लाख रुपए का notice पकड़ा दिया गया है,
04:54अगर कोई सड़क पर उतर कर किस कोई बिल है, जिसको लेकर सरकार आयी और एक तपका उसको नहीं मान रहा है,
05:00तो उसको प्रदर्शन करने का अधिकार तो है ना, या उसको भी रोक देगी सरकार, राकेश सिनह जी.
05:05और ये तो सरकार के जिम्मदारी है कि वो भरोसा कायम करें उन लोगों के भीतर जिनके अंदर अभी भी इस बात को लेकर एक विश्वास पैदा नहीं हो पाया है।
05:13चित्रा जी, लोग तंत्र में विरोज करना, प्रदर्शन करना उसका इंटिग्रल पार्थ है, अभी नहीं हिस्ता है, लेकिन लोग तंत्र में जंता को भरका कर सिविल वार की नवत लाना, यह घोर निंधनी अकार है।
05:32आप एक चीज़ बताएँ, सिर्जन्द एबेंडमेंट एक्ट में साहीन वाग का जो पुरा मकसद आया था, मामला आया था, इतने दुनों में किस मुसल्मान की नागरिक्ता छिन गए? पूरा मुमेंट किस आधार पर था बताएँ, जो एक 80 साल की बुरी अउरत, जो मुम
06:02मोधी जी के रिजिम में 50 लोग UPSC कम्पीट कर रहे हैं,
06:06जो आज तक सुतन्तर भारत के तिहास में नहीं हुआ,
06:09और कारे नागरिक्ता छिन गए,
06:10ठीक उसी परकार, तीन बात मैं बोलता हूँ,
06:12कोई भी मुस्ल्मनेटा इसको गलत कहा दे,
06:17जो मैं पहले आपका 12,000 करोर रुपे की आमदनी,
06:21एन्वल आमदनी, इससे हुनती, सास्थ्वत कमीटी ने कहा,
06:24और 163 करोर होता है,
06:26163 करोर एन्वल आता है, 12,000 करोर आना था,
06:30यह सास्थ्वत कमीटी का गठण UPS सरकार में मनमोह सिंग जी ने किया था,
06:35एक, अब बताईए अगर मोदी जी 12,000 करोर ला रहे हैं,
06:39तो क्या भारतिय जन्ता पार्टी के काड़ करताओं के ला रहे हैं,
06:42या हिंदू के ला रहे हैं, या तुरुपती के मंदर के ला रहे हैं,
06:44उससे तो मुसल्मान हैं को पास ही जाएगा,
06:46हाँ, वह जिनके पोकेट में जाता और नहीं जाकर सामानने मुसल्मान,
06:51जो सामानने वेक्ती रोड पर है, वो जाएगा,
06:55तूसरा बता दे, कोविड काल में जो मुसल्मान बच्ची ओर्फेन हुए,
06:59उनको वक्वओड ने क्या किया?
07:03इतने वर्षों से जो डेवोर्सीज हुई हैं, जो तलाक सुदा हैं,
07:08या जिनके पती का निधन हो गया,
07:10कितनी महिलाओं को इन्होंने मदद की हैं,
07:12वक्वओड के लिए, जो एसाइंड वर्क था, जो वक्वओड सुवें क्लेम करता हैं, दो.
07:15तीसरी बात मैं पूछना चाहता हूँ, कि 1995 के बहस में,
07:20मुर्सिदा बास से CPM के Member of Parliament ने कहा था,
07:24जब Amendment Bill ये UPS सरकार लाई थे,
07:27कि भाई, इसका secular character तभी बना रहेगा,
07:30जब इसके management में, जो civil law का एसा है,
07:33जब non-Muslim भी रहेंगे.
07:36बताये, जब CPM वहाँ कह रहे थी,
07:39तब तो ठीक था, तब राहुल गांधी की party को ठीक लग रहा था,
07:43आज भारती जंता पार्टी ने, उसके एक secular character को खरा किया है,
07:47भाई, ये देश secular देश है, इस secular देश में कहेंगा,
07:50मुसल्मानों के लिए मुसल्मान,
08:06एक बात चितरा जी, मैं बता दूँ, आपके जो सुन रहे हैं,
08:09कोई प्रभोधन के लिए बहुत जरी है, क्योंकि हमारा index ही बदल गया है,
08:12हमारा खेल का मैधान ही बदल गया है,
08:141954 में जो बिल आया था, पूछिये,
08:17किसने वक्व की मांग, किसी नहीं मांग की, एक प्राइबेट मेंबर बिल था,
08:21उसका लाव मिनिस्टर सेलेट कमिटी में भेर के चेर्मेन बन गये,
08:24उसको सरकारी बील बढ़ा दिया एक तरह से, और वक्व भी लाए,
08:27उस बक्त जो उदारन दिया था, सबको पढ़ना चाहिए,
08:30तो आपका डिबेट प्रभोधन के लिए होता है, इनलाइटिनमेंट के लिए होता है, इसलिए मैं कर रहा हूँ,
08:34नहीं तो लोग कहेंगा, आप 54 में क्यों जा रहे हैं, तो कहा जाएं,
08:37अगले महने का डिबेट करते रहे हैं, 54 के उसमें कहा था, पसर जी थे, जलगाउ के MP थे, इसलिए कई लोग थे,
08:45काने साहब थे, जो बड़े सोसयोलोजिस्ट थे, उन्होंने कहा, मुंबाई पब्लिक चेरिट्र्स्ट है,
08:52उसमें हिंदु, मुस्लिम, सिख, हिसाई, सब के लिए हैं, तो वो अलग से बना रहे हैं वकवोट, मेरे कहने का तातपर यह है,
08:58कि अभी जो अमिश साजी ने कहा, कि भाई आपके धार्मिक माँलों में मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है,
09:05लेकिन इसका दुर्पयोग, इसके लोगतांतरिक करन, और इसका सही परबन्धन, इसमें सरकार ने हस्तक्षेप किया, क्या पारलेमेंट को इतना भी हितिकार नहीं है,
09:13कि मोधि जी परुफ़ाना आजी है, इस गलतियों को बोँ जूदा बी जे पी की मोधी सरकार दुरुष करने का काम कर रही है, मैं आपकी पास आओंगी,

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