Hindi News: तमिलनाडु के रामेश्वरम् धाम की दो बड़ी पहचान है.. पहली पहचान धार्मिक है और दूसरी भौगोलिक... धार्मिक मान्यता के अनुसार.. रामेश्वरम् का संबंध भगवान राम और देवों के देव महादेव से है... जबकि भौगोलिक बनावट के लिहाज से रामेश्वरम्.. तमिलनाडु का वो हिस्सा है.. जहां पहुंचने के लिए समंदर पार करना होता है..। सालों पहले लोग रेल के रास्ते रामेश्वरम् पहुंचते थे.. और ज्योतिर्लिंग का दर्शन करते थे.. लेकिन फिर ये सिलसिला टूट गया... क्योंकि समंदर पर बना रेल पुल खस्ताहाल हो गया.. पर अब भक्त और भगवान की दूरी कम करने.. समंदर में लौट आए हैं हनुमान... हनुमान से हमारा मतलब है पराक्रम.. और यहां पराक्रम की पहचान है वो पंबन पुल.. जिसे आज प्रधानमंत्री मोदी देश को समर्पित करेंगे... उद्घाटन से पहले देखिए पंबन के पराक्रम की पूरी कहानी..।
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00:00यानि उपर दोड़ेगी रेलगारी और नीचे होगी जहाज की सवारी
00:04ये एतिहासिक शाकर आज राम नौमी के शुब दिन दुनिया के सामने होगा
00:09कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्वी नरेंद्र मोधी इसे हरी छंडी तिखाने वाले है
00:13और उसके बाद आप जब चाहें ट्रेन से सीधे रामेशुरम धाम पहुत सकते हैं
00:18और जोतरी लिंक का दर्शन भी कर सकते हैं
00:20क्योंकि रोजाना पंधरा ट्रेन पंबन पुल पर गुजरेंगी और वो भी पूरी रफ़तार के साथ
00:25समंदर के उपर ट्रेन का ये सफर रोमानचक भी होगा और बेहत सुरक्षित भी होगा
00:30इस दोरान किसी तरह की कोई चूक नहों कोई हाथसा नहां हो
00:34इसकी फूल प्रूफ तैयारी भी है
00:36कितना मजबूत है पंबन पुल की सुरक्ष विवस्था को लेकर क्या तैयारिया की गई है आपको रिपोर्ट में दिखाते हैं
00:54आधी रात का वक्त था अमेरिका के बाल्टी मोर में डाली नाम का ये विशाल कार्गो शिप
00:59सैक्नो टन खतरना केमिकल लेकर कोलंबो के लिए निकला था
01:03लेकिन इस ब्रिज के नीचे से घुसरते वत वो रास्ता भटका और पुल के पिलर में टककर मार दी
01:12इस टककर में अमेरिका का फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज धरशाई हो गया
01:17ये दुनिया का तीसरा सबसे लंबा पुल था इस पर 935 करोर रुपए खर्च हुए थे
01:24खास बात ये के फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज नदी से करीब 56 मीटर उपर बना था
01:30फिर भी कार्गो शिप की टककर से नहीं बच बाया
01:33ऐसे में समुद्र तल से करीब 22 मीटर की उचाई पर बने
01:37पंबन ब्रिज के सेफ रहने की क्या गैरेंटी है
01:43ये आप देखें सामने पुराना ब्रिज है अब पुराने ब्रिज में समस्य क्या होती थी
01:46कि जो बड़ी शिप्स होती थी वो नहीं पार कर पाती थी
01:49इस वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज को करीब से जानने समझने के लिए
01:52ABP News के रिपोर्टर शिवांग पंबन पहुँझे
01:55लेकिन पहले इस पुल की ज़रूरत और जियोग्रैफी समझ लीजिए
01:59तमिलाडू के रामेश्वरम दुनिज़ के लिए
02:03वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज को करीब से जानने समझने के लिए
02:06ABP News के रिपोर्टर शिवांग पंबन पहुँझे
02:09लेकिन पहले इस पुल की ज़रूरत और जियोग्रैफी समझ लीजिए
02:12तमिलाडू के रामेश्वरम दुनिज़ के लिए
02:15तमिलाडू के रामेश्वरम दुनिज़ के लिए
02:45पंबन धनुशकोडी पैसेंजर ट्रेन
02:48तुफान के चलते समंदर में समा गई थी
02:51नौंबर 2019 में प्रधान मंत्री मोदी ने इसकी निव रखी
02:54जो अब बन कर तैयाद हो चुका है
02:57ऐसा माना जा रहा है कि उद्घाटन के बाद
03:01पंबन का वर्टिकल लिफ्ट रेल ब्रिज
03:04जर्मनी के हैंबर्ग वर्टिकल ब्रिज
03:07और ब्रिटन के न्यूपोर्ट ब्रिज को तक्कर देगा
03:10लेकिन ये भी सच है कि कुछ महीने पहले
03:13CSR यानि Commissioner of Railway Safety की रिपोर्ट में
03:16इस पुल की मजबूती को लेकर
03:19कुछ बेहत गंभीर सवाल उठाए गए थे
03:22ये तो पंबन ब्रिज लगातर बन रहा है
03:25इसको लेकर डेलवे कमिशनर ने अपने रिपोर्ट में
03:28बताया था कि ब्रिज में कई जगाई ऐसी है
03:31जो जहांपर कुरोजन मौजूद है
03:34पुल के पर आप साफ साफ देख सकते हैं कि किस तरह से
03:37रस्टिंग आई हो ही है ये भारत का दूसरा सबसे
03:40जादा कुरोजिव एरिया है नमकीन पानी है
03:43मलका की खाड़ी से लेकर बेए औप बेंगॉल तक का पानी
03:46यहाँ पर आता है तो इसकी वजह से ये कारण बता जा रहा है
03:49सी आरिस ने भी अपने रिपोर्ट में यही कहा था कि इसको
03:52लेकर कुछ इनतजाम करने हैं जो हलकी अभी कमेटी
03:55बना दी गई है
03:59दर असल सी आरिस की रिपोर्ट में ये दावा किया गया था
04:02कि पुल की डिजाइन में खाम्यों की वजह से इसकी वेट कैपेसिटी
04:05यानि भार उठाने की शम्ता करीब एक तिहाई से भी ज्यादा
04:08कम हो गई है इसके अलावा रिपोर्ट में सिगनल और नियमों की अंदेखी पर भी सवाल उठाए गए थे
04:12इस बारे में रेल्वे के एकस्क्यूटिव डिरेक्टर दिलीप कुमार का आश्वासन सुनिए
04:16इस बारे में रेल्वे के एकस्क्यूटिव डिरेक्टर दिलीप कुमार का आश्वासन सुनिए
04:46इस बारे में रेल्वे के एकस्क्यूटिव डिरेक्टर दिलीप कुमार का आश्वासन सुनिए
05:16पूराने पंबन पुल की खामियों को ध्यान में रखते वैं इस नय पुल में मजबूती के लिए कई खास बनदुरस्त किये गयें
05:25पुराना पंबन पुल एक कैन्टेलीवर ब्रिज्ज था जबके नय पुल वैटिकल सीख ब्रिजज है
05:30पुराने पंबन पुल की खामियों को ध्यान में रखते हुए, इस नय पुल में मजबूती के लिए कई खास बंदोबस्ट किये गए हैं।
05:37मसलन, पुराना पंबन पुल एक कैंटिलीवर ब्रिज्ज था, जबकि नया पुल वर्टिकल लिफ्टिंग ब्रिज्ज है।
05:43पिसले ब्रिज्ज का लिफ्टिंग सिस्टम मैनूल था, जबकि नय ब्रिज्ज का पूरा सिस्टम आटोमेटिक है।
05:49पुराने पंबन ब्रिज्ज को खुलने में 15-25 मिनट लगते थे, पर नया ब्रिज्ज 4-5 मिनट में खुल जाएगा।
05:56पुराना पुल समुद्री हवा और जंग से कमजोर हो गया था, लेकिन स्टेनलेस स्टील से बना नया पुल जंग रोधी है।
06:03समुद्र तल से 41 फीट उंचे पुराने ब्रिज्ज से सिर्फ छोटे जहास ही गुशर सकते थे, लेकिन 72 फीट उंचे नय ब्रिज्ज से बड़े जहास भी आसानी से गुशर सकते हैं।
06:13पहले वाला ब्रिज्ज समुद्री तुफान को जहेलने में कमसोर था, लेकिन नया ब्रिज्ज 100 किलोमेटर की रफतार वाले तुफान का भी सामना कर सकता है।
06:43नय पंबन पुल की उम्र करीब 150 साल तक होने का दावा है, जो वक्त की खसवटी पर ही तै होगा। फिलहाल सब को इंतजार उस लमहे का है, जब देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज्ज पर समंदर में सबसे रोमांच कारी रेल यात्रा शुरू बुखी है।
07:13आपको रखे आगे