चेन्नई. चेंगलपेट जिले के काट्टानकोलत्तूर के एसआरएमआइएसटी में सोमवार को दो दिनी सृजनलोक अंतरराष्ट्रीय साहित्योत्सव 2025 की शुरुआत हुई। ऑन और ऑफ लाइन होने वाले इस उत्सव का विषय ‘व्यक्तित्व एवं समाज निर्माण में बाल साहित्य की भूमिका’ है। इस दौरान वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि घरों में साहित्यिक पुस्तकें रखी जाएं। फिर चाहे बच्चे ऐसे फेंकें या फाड़े। एक समय बाद पुस्तकों को देखकर बच्चों का परोक्ष रूप से इनसे तालमेल होने लगता है। अभिभावकों को भी समय निकालकर उनके सामने पुस्तकें पढ़नी चाहिए। पुस्तकों में विजुअल्स और रंगीन कलेवर का अपना आकर्षण होता है, और बच्चे निश्चित रूप से ऐसी पुस्तकों को पसंद करने लगते हैं।
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