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दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 फरवरी 2025 को नई दिल्ली के सुंदर नर्सरी में आयोजित सूफी संगीत समारोह ‘जहान-ए-खुसरो 2025’ के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन अमीर खुसरो की विरासत का जश्न मनाने के लिए किया गया जिसमें दुनिया भर के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम के बाद जनता और कलाकारों ने अपने अनुभव साझा किए।

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00:00बहुत अच्छा लगा जी अच्छे सुनकार हैं परदान मंतिरी जी और उनको सुना के बहुत खुशी होई है उनको
00:07हाँ हाँ विल्कुल है उनको सुर की भी समझ है लाई की भी समझ है और भाषा भी अच्छी तरह से समझते हैं उर्दू, हिंदी, संच्कृत जो भी है अच्छा समझते हैं उनको सुना के खुशी होई है
00:21बहुत अच्छा महसूस हुआ के प्रदान मंतिरी जी ने हमको सुना और स्टेश पर जब आए प्रदान मंतिरी मोधी जी तो उन्होंने काफी तारीफ करी हमारी के भाई बहुत अच्छा गए आप लोग ऐसे बारिश हो रही थी फिर उसमें भी आप लोगों ने परफार्म
00:52अच्छा दिखा बहुत, पहले से ही उर्दू के words बोलते हैं वो, रूबरू इस type के words बोलते हैं वो, अच्छा दिखा बहुत, बहुत खुशी हुई सुनते हैं
01:06मैं आज आई जहाने खुशरों की 25th anniversary पर बहुत ही मजा आया और इसमें सबसे अच्छा जो मुझे लगा PM मोधी जी का भाशन तो आज मैं सच में पहली बार उनको एक तो live सुना और ये सुना कि उनको किस चीज की knowledge नहीं है हमें जहां तक जैसे पता नहीं मैं ठीक बोल रह
01:36और यहां के एक मुझे बहुत जिल्चस बात पता लगी और वो मुझाफा एली जी ने बताई कि ये होता है कि हर शिवरात्री पर खश्मीर में बरफ पड़ती है तो एक बार एक कोई आये शाशे वो कहते नहीं मैं इसको challenge करता हूं उन्होंने शिवरात्री को जून में सेल
02:06बहुत अच्छा था बहुत अच्छा लगा उन्होंने हमारे काम को बहुत पसंद किया हम वीवर्स के साथ काम करते हैं
02:13हमारी अपनी लूम्ज हैं बनारस में तो अच्छा लगा बहुत उन्होंने हमारे काम को पसंद किया और मुझसफर अली जी ने ये प्रोग्राम को उर्गनाईज किया है तो ये मेरी एक खुश-खुश किस्मती है कि मैं उनके इस बड़े शो में उनका पार्टिसिपे
03:13प्रोग्राम के लिए मेरे दोस्तों की तरफ से और प्रधानमंतरी जी इतनी रुच्ची रखते हैं कला में संगीत में क्राफ्ट, आर्ट, टेक्स्टायल्स में वो यहां क्राफ्ट पहली बार इस प्रोग्राम के साथ क्राफ़ बजार हो रहा है बहुत अच्छा खाना है �
03:43जिस थरहां से भाशन था उसे बहुत ही पता चलता है कि वो कितना करीब है संगीत के, कितना करीब है भारत के कला के और कितना करीब है अपनी सभयता और अपनी रूट्स के
03:54एक गेटा साधा बहुत वेरना गे ऐजे को करने हें
04:08मीरा जी से और मुझे ही के爾 का एलेन वेरेडियाचेम बन जतकरों, इंगे सुन लेता एक गेटा साथा वरते है
04:17हम इस फेस्टवल में हम इससे पहले भी इस फेस्टवल के पार्ट रहे हैं
04:22तो इस बारी ये 25th येर था इसका बहुत अच्छा था
04:26और PM जी भी आगे इधेर उन्होंने भी विजिट किया
04:30बहुत अच्छा लगा और हम अच्छा रहे हैं
04:33बहुत अच्छा रहे हैं
04:35जब आप खुद पॉजिटू हो तो आपको हर एक चीज पॉजिटू मिलेगी
04:39हम बहुत खुश हैं अगर वो भी खुश हैं हम भी खुश हैं
04:45सब को पॉजिटू रहना ज़रूरी हैं
04:47वो हमारे बूत पे आए तो मैंने यही उनको कहा कि
04:51किसी ने मुझे से पूचा था कि जब वो आपके आपका काम देखने आएंगे तो आप क्या बोलोगे
04:57तो मैंने उनको कहा कि मुझे बोलने की जुरृत ही नहीं है
05:01कि वो बहुत ही बहुत पश्मिना शॉल ओड़ते हैं वो आज भी आये थे ओड़ के तो मुझे नहीं लगता मुझे कुछ कहने की जुरृत है तो यह बात हमारी हो गई उनके साथ
06:12खांदान की तरह से हैं तमाम लोग प्यार महब्बस से एक दूसरे के साथ रह सकती हैं
06:17यही उनका बिसिक जो जिस था उनकी बात का वो यहि था कि हमें यह समझणा चाहिये कि सूफियों का क्या पैगाम था
06:27रिश्यों का क्या पेगाम था और हिंदोस्तान की पुरानी तारीख क्या है उसका इतिहास क्या है
06:33जो सबसे important बात यही थी।

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