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खुले बोरवेल में गिरने के बाद दम घुटने से हुई मौत

जिले के डग थाना क्षेत्र के पाडला गांव में रविवार दोपहर खेत में खुले करीब तीन सौ फीट गहरे बोरवेल में गिरे पांच वर्षीय प्रहलाद की मौत हो गई। करीब 14 घंटे की मशक्कत के बाद सोमवार तड़के करीब चार बजे एनडीएफआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने देशी जुगाड़ से रस्सी के सहारे उसे बाहर निकाला। उसे मौके पर मौजूद चिकित्सकों की टीम ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। प्रहलाद बोरवेल में करीब तीस फीट गहराई में पत्थर पर अटका हुआ था। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।

पाडला गांव में कालूलाल बागरी परिजनों के साथ रविवार को खेत पर गेहूं की कटाई कर रहे थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे उनका पांच साल का बेटा प्रहलाद खेत की मेड़ के पास खोदे गए बोरवेल के पास चला गया। वह बोरवेल के मुंह पर रखे पत्थर पर बैठा तो पत्थर समेत अंदर चला गया। सूचना मिलने पर रविवार शाम को यहां जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक समेत एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पहुंची। टीम पूरी रस्सी के जरिए देशी जुगाड़ से बालक को बाहर निकालने की कोशिश करती रही। तड़के करीब चार बजे एसडीआरएफ की टीम ने देशी जुगाड़ से बालक को बाहर निकाला। मौके पर तैनात चिकित्सकों के मृत घोषित करने के बाद उसके शव को डग सीएचसी ले जाया गया। यहां सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। गांव में अंतिम संस्कार में पहुंचे तहसीलदार सत्यनारायण नरवरिया ने मृतक के पिता को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी।

दम घुटने से हुई मौत

पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सक प्रवीण कुमार मीणा ने बताया कि बच्चे ने बोरवेल के अंदर घुटन की वजह से दम तोड़ दिया। उसके नाक और मुंह में मिट्टी घुस चुकी थी। जिसकी वजह से उसे सांस लेने में परेशानी हुई। बाहर से उसे ऑक्सीजन तो दी जा रही थी, लेकिन वह शरीर तक नहीं पहुंच पा रही थी। बोरवेल में गिरने के बाद संभवत: तीन से चार घंटे के बीच उसकी मौत हो गई।

बालक के परिजनों को मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता कोष से सहायता दिलाई जाएगी। आरोग्य सहायता भी उपलब्ध करवाई जाएगी। सभी टीमों ने पूरी रात बहुत ही तत्परता से काम किया।
-अजयसिंह राठौड़, जिला कलक्टर झालावाड़


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