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  • 10/19/2024
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Transcript
00:00बेटी चुट्की और बेटी तिल्लू के साथ रहते थी।
00:07चुड़िया की बेटी चुट्की तो बहुत समझदार थी पर बेटा तिल्लू बहुत ही शरार्टी था और अब तो वो अपनी ममा से जून भी बोलने लगा था।
00:15ममा मुझे प्यास लगी है मैं नदी पर पानी पीने जा रहा हूँ। इसे पक्का अपने अवारा दोस्तों के पास जाना होगा ममा।
00:36टिल्लू अभी तो पानी बीके आए थे तुम नदी से इतनी चल्दे फिर से प्यास लग गई मैं चल्दे के आ जाओंगा ममा। टिल्लू अपनी ममा का जबाब सुने बिना ही घर से चला जाता है और वो जाता है अपने दोस्तिकी तोते के पास।
00:53अरे यार टिल्लू कहा रह गई थे तुम कब सी इंतजार कर रहा था तुम्हारा मैं। अरे यार बड़े मुश्किल से आया हूँ ममा आने ही नहीं दे रही थी जूद बोलके आया हूँ कि नदी पर पानी बीने जा रहा हूँ। पर हम जाएंगे अब मीठों अंगल के बा�
01:23मीठों एक आम खाते तो दो नीचे तोड़ के फेक देते।
01:28इह भी खटा है। तो फेक दो हमें कौन से इनके बदले पैसे देने है।
01:35वो आम खानी से साथा उन्हें बरबात कर रहे थे।
01:39बाग का मालिक मीठों उन्हें आता हुआ दिखता है।
01:44मिठों अंगल आ रही है। जल्दी भागो यहां से।
01:48अगर उन्होंने देख लिया तो घर ही पहुँच जाएंगे।
01:52लिलू और किकी वहां से उड़ते हैं पर मिठों तोटा उन्हें जादे हुए देख लेता है।
01:59ये राणी का बेटा टिलू और किकी कितनी बरबादी मचा कर गए हैं मेरे बाग में।
02:05मैं भी तो सूचू कौन है जो रोज अतने आम तोड़के नीचे गिरा जाता है।
02:12चिरिया ये देखो तुम्हारा बेटा टिलू अपने दोस्तों के साथ मिलकर मेरे बाग में कितनी बरबादी मचाता है।
02:20अगर आम खाय थे तो भी परेशानी नहीं है मुझे पर खाता कम है और नुकसान जादा करता है।
02:28मुझे माफ करना तोटे भाईया मैंने ऐसी परवरिश तो नहीं दी थी अपने बेटे को।
02:34अब जैसी भी परवरिश दी थी उसका असर देख लो तुम।
02:38अगर अगली भार मुझे मेरे बाग में मिल गया वो तो मार मार कर पंख तोड़ दूगा मैं उसके।
02:45पता गुसे में वहाँ से चला जाता है।
02:48मम्मा ये भाई ऐसे काम क्यों करता है इसके वज़े से आपको कितना शर्मिंदा होना पड़ा तोटे अंकल के सामने।
02:57तुम्हारे पापा के जाने के बाद इतनी मुश्किलों को सामना करके तुम दोनों को पाला पोसा और बड़ा किया मैंने और ये टिल्लू बेस्ती करवा रहा है मेरी।
03:09शाम को टिल्लू देर से घर आता है। ममा चुडिया भी उसका इंतजार कर रही थी।
03:15कहा थे तुम अप तक इतनी देर से घर क्यों आए हो। ममा राजदे में मुझे चक्कर से आ गए थे तो मैं किकी के घर आराम कर रहा था।
03:25टिल्लू का जूट सुनके ममा चुडिया गुसे में आके उसे एक ठपर लगा देती है।
03:33जूट जूट एक जूट को चुपाने के लिए तुम सौ जूट बोल रहे हो ये सिखाया है मैंने तुम्हे।
03:40मैं अब बच्चा नहीं रहा हूं बड़ा हो गया हूं मेरे सारे दोस्त बाहर जाते हैं घूमते हैं मैं भी बाहर जाओंगा घूमूंगा।
03:51टिलू शर्म करो थोड़ी कैसे बाते कर रहे हो तुम ममा से छुटकी तुम इसे कुछ मत बोलो जो इसकी मनाई करने दो इसे।
04:01अगले दिन टिलू बिना किसी को बताए ही घर से सबेरे चला जाता है।
04:07ममा ये भाई कहा गया है इतनी सबा सबा मैं क्या बताओ बेटा मुझसे तो ना पूच कर गया है ना मुझे बता कर गया है।
04:17टिलू आज फिर से अपने उन्ही दोस्तों के पास जाता है और आज तो उनके साथ कालो कवई का बीटा चिंटू भी था।
04:27वो उड़ते उड़ते जंगर के बाहर खाना ढूनने जाते हैं टिलू को एक सेब मिलता है टिकी को एक अमरूद और चिंटू को मिलते हैं सोखे चली के दाने।
04:41टिलू तुम मुझे ये सेब दे दो और तुम ये चली के दाने ले लो ये सेब मुझे मिला है मैं तुम्हे अपना सेब नहीं दूँगा। अरे या टिलू तुम्हे पता तो है चिंटू का तुम इसे बहस मत करो दे दो इसे ये सेब। मैं भी अब बढ़ा हो चुका हूँ
05:11कि वो टिलू के सर पर मार देता है टिलू के सर से खुण आने लगता है और वो बिहोष होके वही दिर्शा। चिंटू और किके टिलू को खुण में लतपत और बिहोष छोड़कर वहाँ से भाग जाते हैं टिलू वही बढ़ा रहता है अब तो रात भी हो जाते है पर टिल
05:41अब तो मुझे भी फिक्र हो रही है चुट्की बेटा चलो हम उसे ढूनने जाते हैं
05:47राणी और चुट्की टिलू को ढूनने जाती है वो पहले कमली के घर जाती है
05:54इतनी देड रात यहाँ चड़िया कमली बेहन क्या मेरा बेटा टिलू आया था यहाँ
06:00तुम्हारा बेटा तो अवारा है एक नंबर का गया होगा कहीं यहाँ नहीं आया वो
06:07ऐसा कहकर कमली अपने घर का दरवासा बन कर लेती है चड़िया वहां से कीकी दोदे के घर जाती है
06:16कीकी क्या टिलू मिला था आज तुम से
06:19नहीं आंटी मैं तो आज पुरा दिन घर पर ही था मुझे नहीं मिला टिलू आज
06:25चड़िया और छुटकी ठक हार कर एक बेट पर जाकी बैट जाती है
06:31मम्मा भाई तो कहीं नहीं मिला कहां होगा भाई
06:36हर जगा देखिया ये लड़का कुछ पता कर जाता तो हमें पता भी चलता
06:42तब ही उन्हें किसी पक्षी की आवास सुनाई देती है
06:47मदद करो कोई मदद करो
06:50ममा कोई पक्षी मदद मान रहा है सुन तो मैं भी पा रही हूँ
06:56वो दोनो मा बेटी आवास की दिशा में जाती है और वहाँ जानके वो देखती है
07:03कि वो पक्षी और कोई नहीं टिलू था जो पिखोशे की हालत में मदद माँग रहा था
07:11मदद मदद करो कोई टिलू बेटा टिलू मा भाई को घर लेके चलते है जल्दी
07:20वो टिलू को लेके घर जाती है और उसकी पट्टे करती है उसे दवाई देती है थोड़ी देर बाद टिलू कोश में आता है
07:31टिलू तुम ठीक हो बेटा मम्मा मुझे माफ कर दो मैंने आपको इतना परिशान किया आपको बिन बताए घर से गया इसलिए ये हालत हो गई
07:51हाँ भाई ममा तो हमेशा हमारा अच्छा ही चाहेंगी इसलिए वो तुम्हें ऐसे इधर उधर गोमने से रोका करती थी
08:00इससे तरह टिलू को समझ आ जाता है कि माबाब की बात ना मानने का नतीजा क्या हो सकता है
08:10निर्दिरी जंगल में एक लिउसी चुड़िया अपने बीटे की साथ रहती थी वो अकेले ही अपने बीटे का ध्यान रखती थी और जंगल की मंडी में फल बेचने का काम करती थी
08:20टिलू मैं मंडी में फल बेचने जा रही हूँ तुम तब तक घर पर रहना
08:26मा मैं घर पर बोर हुता हूँ क्या मैं अपने दोस्तों के पास खेलने चला जाओं
08:31ठीक है चले जाओं पर अपना ध्यान रखना और किसी से लड़ना मत
08:35ठीक है मा मैं किसी से नहीं लड़ूँगा
08:38किलू अपने दोस्तों के पास खेलने चला जाता है और ल्यूसी मंडी में फल बेचने
08:44फल ले लो ताजे ताजे मीथे मीथे फल ले लो
08:48ल्यूसी फल बेच रही थी तब ही उसके दुकान पे कमली आती है
08:52चड़िया किस महम में बेच रही हो तुम पर
08:55अमरू 40 रुपे किलू है केला 7 रुपे दरचन और संतिरे 50 रुपे किलू
09:01तुम तो बहुत नहेंगे फल बेच रही हो चड़िया
09:04पूरी मंडी में यही दाम चल रहा है कमली बेहन
09:07मम्मा मम्मा मेरी टूटू से लड़ाय हो गई मुझे चोट लग गई है
09:13तुम भी ना डिलो इसलिए तुम से मना कर रही थी मैं
09:16धर पर रहने को बोल रही थी
09:18लड़ाय टूटू ने शुरू की थी मम्मा
09:21कर से मैं तुम्हें खेलने के लिए नहीं भेजूँगी
09:24तुम्हारा रोचका यही है
09:26लेसी अपने बीटे से ऐसे बाते कर रही थी
09:29वहीं दूसरी ओर कम्ली मौके का फाइदा उठाके
09:32लेसी के दुकान से फल चरा चरा के
09:35अपने थेडे में डाल रही थी
09:37हाँ कम्ली देहन मार्ख करना
09:39ये बच्चे ऐसे ही परिशान करते हैं अभीश में
09:42बताये आपको कौन सा फल दो
09:44माना लिउसिंग रहने दो
09:46तुम तो बहुत नहिंगे फल बेचती हो
09:48हम ऐसे ही रोटी सब्जी खाके गुजारा करनेंगे
09:51ठीक है कम्ली देहन जैसे आपकी इच्छा
09:54और कम्ली वहाँ से फल चरा के अपनी घर जाती है
09:58कितने स्वादिश्ट फल लाई हो तुम
10:00रोज ऐसे ही ताजे ताजे फल लाया करो
10:03हाँ हाँ तुम जो मुझे पैसे देते हो
10:06बहुत सोच समझकर इस्तिमाल करती हूं मैं
10:08करसे मुझे थोड़ी जादा पैसे देना
10:10फलो के दाम थोड़ी महेंगे चल रहे है
10:13हाँ हाँ कमली बिलकुल तुम्हे जितना ठीक लगे तुम उतने पैसे लेके चले जाना
10:18ऐसा कहे कि कालो वहाँ से चला जाता है
10:21सही आइडिया है ये
10:23कालो से फलो के बहाने पैसे लूगी मैं
10:26और उनसे अपना मीकप का समाल लेके आया करूँगी
10:30मुझे अपनी ब्यूटी भी तो मींटेन करके रखनी है
10:33वही दूसरी ओर शाम को चुड़िया अपने फलो का हिसाब लगाती है
10:38अरे ये क्या मैं तो हर रोज एक समाल ही फल लाती हूँ
10:42फिर आज मुझे कम पैसे कैसे बच रहे है
10:45कहीं मैंने हिसाब करने भी कोई गलती तो नहीं करती ना
10:48कल से ध्यान से काम करना पड़ेगा
10:50ऐसे नुखसान होना ठीक नहीं
10:52ये सोचकर लिसी भी अपने घर चली जाती है
10:56अगले दिन कम्ली फिर से लिसी की दुकान पे जाती है
10:59फल ले लो फल ले लो ताजे ताजे मीथे मीथे फल ले लो
11:04क्या आज फलों के दाम कुछ कम हुए है लिसी
11:07कम्ली बहन एक दिन में दाम कैसे कम हो सकते है
11:11और वैसे भी मेरी फल बहुत ताजे है
11:14आप बताओ आपको कौन से चाहिए
11:17तब ही लिसी की दुकान पे टुंटुनी आ जाती है
11:20लिसी मुझे ज़रा एक दरजन केले दे दो
11:23तुम्हारे फल बहुत ताजे होते है
11:25हाँ हाँ बस अभी देती हूँ
11:28लिसी टुंटुनी को फल देने लगती है
11:30तब ही कम्ली फिर से मौके का फाइदर उठा की
11:34फल चुराने लगती है और अपना थैला भर लेती है
11:38क्या सुचा कम्ली बहन, क्या लोगी
11:41या आज भी दाम पूचकर चली जाओगी
11:43पल तो बहुत महंगे है लिसी
11:45हम तो रुका शुबा ही खा के काम चला लेंगे
11:48मैं चलती हूँ
11:49ऐसा कहकर वो वहाँ सी चली जाती है
11:52अजीब है ये भी रोज ही आती है
11:55और बिना कुछ लिये चली जाती है
11:57शाम को लिसी फिर से हिसाब लगाती है
12:01अरे ये क्या हो रहा है
12:03आज तो नुपसान और जादा हुआ है
12:05पर कैसे तब ये उसका ध्यान कमली पे जाता है
12:09जरूर वो कमली मेरे बिसी होने का फायदा उठा रही है
12:13ऐसे ही नहीं आती वो
12:15कुछ तो गोलमाल पक्का कर रही है
12:17लिसी की दुकान की पासे
12:19चील की सब्सियों की दुकान थी
12:21वो उसके पास जाती है
12:23चील दीडी मुझे आपकी मदब चाहिए
12:25मुझे ऐसा लग रहा है
12:27जब मैं ग्रहाकों के साथ बिसी होती हूँ
12:29तब वो कौवी कमली
12:31मेरे फनो पे हाथ साफ कर जाती है
12:33ये कौवे तो होते ही एक नंबर के चोर है
12:37मैं कल उस पर ध्यान रखूँगी
12:39जब वो आएगी कल ही दूत का दूत और पानी का पानी हो जाएगा
12:43ऐसा सूचकर वो दोनो अदले दिन तयार हो जाते हैं
12:47और कमली फिर से लूसी की दुकान पर आती है
12:51अरे आओ आओ कमली बहन
12:53आज तो मैंने आपके लिए फल सुस्ते कर दिये है
12:56तब ही वहाँ तूता आ जाता है
13:04बस अभी देते हूँ तूते भया
13:06लूसी तूते को फल देनी लगती है
13:09और कमली फिर से मौका देकर अपना धेना फलों से भर लेती है
13:14बीचे से चील ये सब कुछ देख रही थी
13:17कमली बहन बोलो क्या लोगी आप
13:21अच्छा ठीक है, फिर मैं घर से पैसे लेकर आते हूँ
13:25फिर लेकर जाओंगी लेसी
13:27जैसे ही कमली बीचे मुरती है
13:30तो उसके पीछे चील खड़ी थी
13:32अरे अरे कमली रुको जरा
13:34ना भारी थैला है तुमारा
13:36कैसे लेकर जाओगी इसे
13:39नहीं नहीं चील दीदी, आप से काम करवाँ
13:42इतने हिमत नहीं है, मैं ले जाओंगी
13:44मैं चलती हूँ अब
13:46जैसे ही कमली थैला उठाते है
13:48चील उसे चोट से फाड देती है
13:51और उसमें से सारे चोरी के फल बाहर गिच राते है
13:56देखो कमली, मैंने कहा था ना
13:58मैं थेला उठा लेती हूँ
14:00चोड़ी करके तुमारा थेला भर गया था
14:02इसलिए फट गया
14:04कमली की शकल के तो ये सुनके 12 बच जाते है
14:07मुझे पता था कमली, रोज ये दाम पूशने के बाहने
14:11तुम पक्का कुछ जोल कर रही हो
14:26पक्षी कालू को बला के लाते है
14:29कमली, मैं तो रोज तुम्हे फर लाने के लिए पैसे देता हूँ
14:32फिर तुम ये सब क्यों कर रही थी
14:34तुम ने तो मेरी जंगल हसाई करवा रखी है
14:37वो पैसे बचा के मैं अपने लिए मेकप का सामार ले रही थी
14:42धूप से मेरे पंग टैन हो गए थे
14:44अरे अरे मेरी कमली राणी आओ
14:47मैं करते हूँ तुम्हारा मेकप
14:49अभी सारी टैनिंग दोर करती हूँ तुम्हारी
14:51मुझे तो है कि चील कमली की गुब पिटाय करती है
14:55मन उसकी सुरत ही बिगार देते
14:57कालो चील का साम्मा करे उस पे भी इतनी इम्मत नहीं थे
15:01वो चुपचा करा ये सब कुछ देख रहा था
15:04भर गया मन कमली या और मेकप करो तुम्हारा
15:08माफ कर तो चील दीदी ये आगे से ऐसा नहीं करे के
15:12मैं खुद आओंगा समान लेने
15:14ना ही करे तो अच्छा है वर्ना मैं इसकी हालत चदार दूँगी
15:18कालो कमली को लेके वहाँ से चला जाता है
15:22और इस तरह कमली को उसकी चोरी की सजा मल जाते है
15:28निर्किरी जंगल में लिसी चुडिया अपने बेटे किल्यू के साथ चाहिए दी थे
15:32और जंगल में फल बेशने का काम कर दी थे
15:35बाकी पक्षियों के मुगाबले वह कापी गरीर थे

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