Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 9/15/2024
राजसमंद. चारभुजा में जल झूलनी एकादशी पर दृश्य मनोहारी रहा। हर व्य​क्ति ठाकुरजी के बाल स्वरूप को निहारने में लगे रहे। जैसे ही ठाकुरजी को सरोवर स्नान के लिए मंदिर से बाहर लाया गया, वैसे ही चारभुजा ठाकुरजी के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान एक लाख से अ​धिक श्रद्धालुओं ने गुलाल, अबीर उछालनी शुरू कर दी। हर व्य​​क्ति गुलाल के रंग में रंगा नजर आया। इधर दूधतलाई के चारों ओर हजारों की तादाद में श्रद्धालु जमा थे तो कुछ पहाड़ियों पर जमकर बैठे थे। परिक्रमा के समय झीलवाड़ा ठिकाना की ओर से प्रभु को छतरी में अमल का भोग धराने की परंपरा का निर्वहन किया गया। पुजारियों ने प्रभु के बाल स्वरूप के साथ दूध तलाई की दो परिक्रमा पूरी की। परिक्रमा पूरी होने के बाद बाल स्वरूप को नए परिधानों के साथ श्रृंगारित कराया। इसके बाद चांदी की पालकी में प्रभु के बाल स्वरूप को विराजमान करवाकर पुजारी नाचते-गाते शाम 5.30 बजे चारभुजा जी के मंदिर पहुंचे। जहां, प्रभु के विग्रह को पुनः गर्भ ग्रह में प्रतिस्थापित किया तथा प्रभु के बाल स्वरूप की आरती उतारी गई। चारभुजा गढ़बोर में एकादशी पर्व पर श्रद्धालुओं ने जमकर गुलाल उड़ाई। मेले में इस बार प्रशासन व पुलिस द्वारा सुचारु व्यवस्था की गई। इससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की दर्शन करने में समस्या नहीं रही। मेले में मेला प्रभारी उपेंद्र शर्मा, नायब तहसीलदार सीताराम बोलीवाल, उपधीक्षक ज्ञानेंद्रसिंह, थाना अधिकारी गोवर्धन सिंह राव, सरपंच धर्मचंद सरगरा, सचिव मनोहर मीणा व्यवस्था में लग रहे।

Category

🗞
News

Recommended