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  • 5/9/2020
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भीष्म के सामने अपने रथ पर खड़े शिखंडी ने लगातार भीष्म पर तीरों से वार किया लेकिन भीष्म के कवच से तीर टकराकर गिर जाते थे। शिखंडी के तीरों में इतनी शक्ति नहीं थी कि वे भीष्म की छाती को छेद पाते। तब अर्जुन भी पीछे से भीष्म पर वार करने लगे। अर्जुन और शिखंडी के तीरों के रंग एक थे। इसीलिए और नजर कमजोर होने के कारण भीष्म अर्जुन के तीरों को पहचान नहीं पाए। इस तरह शिखंडी की आड़ में अर्जुन के तीरों से भीष्म का शरीर छलनी हो जाता है।
अर्जुन भीष्म के शरीर को छलनी कर देते हैं लेकिन अपने पिता शांतनु द्वारा इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त भीष्म फिर भी जिंदा थे। अर्जुन के तीरों से भीष्म का धनुष भी टूट जाता है। तब ऐसे में भीष्म अपने शरीर में धंसे तीरों की परवाह न करते हुए अपने हाथ में तलवार लेकर रथ से उतरने लगते हैं। उसी समय उनका संतुलन बिगड़ता है और वे गिर पड़ते हैं और वे तीरों की शैया पर लेट जाते हैं।
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